Delhi ITO Gang Rape: एक बार फिर से दिल्ली में निर्भया जैसी घटना सामने आई है। इस बार दिल्ली के आईटीओ इलाके में एक युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस गैंगरेप की घटना में दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपियों सहित ऑटो ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता का इलाज फिलहाल AIIMS में चल रहा है। आरोपियों ने इस जघन्य घटना को रात 10 से 11 बजे के बीच अंजाम दिया था। फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना लगभग तीन सप्ताह पहले हुई थी, जब पहले तीन लोगों ने युवती से गैंगरेप किया, इसके बाद ऑटो ड्राइवर ने उसे गांधी स्मृति सर्विस रोड के पास ले जाकर फिर से रेप किया। बार-बार हुए बलात्कार के कारण युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया, जिसका इलाज AIIMS में चल रहा है।
नौसेना अधिकारी ने पुलिस को दी सूचना
घटना 11 अक्टूबर की रात करीब 9:30 बजे की है। इस दिन एक 34 वर्षीय लड़की, जो ओडिशा की रहने वाली थी, राजघाट से पैदल चलते हुए सराय काले खान पहुंची थी। उस समय वह आधी नग्न अवस्था में थी और उसके निजी अंगों से खून बह रहा था। सराय काले खान में मौजूद एक नौसेना अधिकारी ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अगर नौसेना अधिकारी ने पुलिस को सूचना नहीं दी होती तो युवती की जान भी जा सकती थी। इसके बाद युवती को AIIMS में भर्ती कराया गया, जहां उसकी निजी अंगों का ऑपरेशन किया गया और फिलहाल उसका मानसिक उपचार चल रहा है। पुलिस ने 21 दिनों की मेहनत के बाद तीन आरोपियों और ऑटो ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया।
युवती को नौकरी के बहाने दिल्ली बुलाया गया था
पीड़िता के पास सामाजिक कार्य (Social Work) में एमए की डिग्री थी। इसी वजह से उसकी एक दोस्त ने उसे दिल्ली बुलाया था ताकि उसे यहां एक अच्छा काम मिल सके। इस दौरान उसका साथी उसका खर्चा उठा रहा था। फिलहाल युवती ने नैब सराय में नन के साथ रहकर अपना जीवन बिताना शुरू किया था, लेकिन बाद में उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया और वह जुलाई में सड़क पर आ गई। इसके बाद वह पुराने दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची और फिर 11 अक्टूबर की रात को आईटीओ इलाके में पहुंची। यहां आरोपी प्रमोद और शमशुल ने उसे मेट्रो स्टेशन के पास झाड़ियों में खींच लिया और गैंगरेप किया। इसके बाद ऑटो ड्राइवर प्रभु ने उसे देखा और तीनों ने मिलकर उसे बलात्कार का शिकार बनाया।
ऑटो ड्राइवर ने लड़की को कई बार रेप किया
लेकिन यह बर्बरता यहीं खत्म नहीं हुई। ऑटो ड्राइवर प्रभु ने लड़की को अपनी ऑटो में बैठाकर उसे रिंग रोड और फिरोज शाह कोटला किला के पास स्थित सर्विस रोड पर ले गया। यहां उसने कई बार लड़की के साथ बलात्कार किया और फिर उसे अधनंगे अवस्था में छोड़कर भाग गया। बार-बार बलात्कार के कारण युवती गहरे सदमे में चली गई और वह सेमी-न्यूड अवस्था में सराय काले खान पहुंची। इस दौरान एक नौसेना अधिकारी ने युवती को देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की।
पुलिस ने 21 दिनों के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया
पुलिस के मुताबिक, युवती की हालत बहुत ही गंभीर थी और अगर समय पर सहायता नहीं मिलती, तो उसे जान का खतरा था। पुलिस ने मामले की जांच में तेजी दिखाई और 21 दिन बाद सभी तीन आरोपियों और ऑटो ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है और युवती का मानसिक और शारीरिक उपचार जारी है। इस घटना ने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर फिर से सवाल उठाए हैं।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह घटना एक और उदाहरण बन गई है, जो दर्शाती है कि महिलाओं की सुरक्षा अभी भी पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं है। निर्भया कांड के बाद कई सुधारों की बातें की गईं, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि दिल्ली में महिला सुरक्षा की स्थिति में बहुत कम सुधार हुआ है। ऐसे मामलों में पुलिस की तत्परता और कड़ी सजा की आवश्यकता है ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोका जा सके।
पीड़िता की स्थिति और इलाज
इस समय पीड़िता का इलाज AIIMS में चल रहा है, जहां उसके शारीरिक और मानसिक उपचार के लिए विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। यह घटना न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी युवती पर गहरा असर डाल चुकी है। उसके मानसिक संतुलन को ठीक करने के लिए डॉक्टरों की एक टीम काम कर रही है, और वह धीरे-धीरे इलाज के दौरान अपनी स्थिति को बेहतर करने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली में फिर से एक निर्भया जैसी घटना ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन यह घटना समाज और प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए केवल कानून नहीं, बल्कि समाज का सहयोग भी जरूरी है।