Kerala earthquake: केरल का कासरगोड जिला हाल ही में दो बड़ी घटनाओं के कारण सुर्खियों में है। एक ओर जहां अनक्कल्लू क्षेत्र में मंगलवार रात धमाके जैसी आवाज़ों और हल्के भूकंप के झटकों ने लोगों में भय का माहौल बना दिया, वहीं दूसरी ओर नीलेश्वरम के पास ‘अंजुथंबलम वीरकावु मंदिर’ में पटाखों के भंडारण स्थल पर लगी आग ने हालात और भी खतरनाक कर दिए। इन दोनों घटनाओं में सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा और अनेक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
मंगलवार रात की घटना: 287 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए
मंगलवार की रात कासरगोड के अनक्कल्लू इलाके में रहस्यमयी धमाके जैसी आवाज़ों और भूकंप के हल्के झटकों के कारण दहशत फैल गई। स्थानीय पुलिस के अनुसार, रात करीब 9:15 बजे पहली आवाज़ सुनी गई, इसके बाद 10:15 बजे और फिर 10:45 बजे एक बार फिर धमाके जैसी आवाज़ें सुनी गईं और झटके महसूस किए गए। इन आवाज़ों का असर एक से दो किलोमीटर की सीमा तक महसूस किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रात में 287 लोगों को, जो 85 परिवारों से थे, सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। उन्हें पास के एक स्कूल में अस्थाई तौर पर ठहराया गया। बुधवार सुबह धीरे-धीरे लोग अपने घरों को लौटने लगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा, लोगों को किया सतर्क
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, राजस्व अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने के लिए एक स्कूल में अस्थाई आवास की व्यवस्था की। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और मामले की पूरी जांच कराने का भरोसा दिलाया है।
मंदिर उत्सव के दौरान हुआ बड़ा हादसा: 154 लोग घायल
इसी के साथ, सोमवार और मंगलवार की रात नीलेश्वरम के पास ‘अंजुथंबलम वीरकावु मंदिर’ में वार्षिक उत्सव ‘कलियट्टम’ के दौरान पटाखों के भंडारण स्थल में विस्फोट हुआ, जिससे 154 लोग घायल हो गए, जिनमें से 8 की हालत गंभीर है। यह विस्फोट तब हुआ, जब एक चिंगारी पटाखों के भंडारण क्षेत्र में जा गिरी, जिससे पूरा भंडार जल उठा और विस्फोट हो गया।
पुलिस के मुताबिक, पटाखों का भंडारण स्थल 100 मीटर की दूरी पर था, लेकिन चिंगारी के संपर्क में आने से आग लग गई, जिससे आस-पास का माहौल भी भयावह हो गया। घटना के वक्त हजारों लोग इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल थे, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोग बुरी तरह झुलस गए।
जांच और सुरक्षा के उपायों का अभाव
प्रशासन ने इस घटना पर चिंता जताई है और घटनाओं के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। मंदिर में विस्फोट के बाद सुरक्षा उपायों में कमी को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, पटाखों के भंडारण के लिए विशेष निर्देशों का पालन आवश्यक है।
स्थानीय जनता में भय और चिंता
इन दो घटनाओं ने कासरगोड जिले के निवासियों में दहशत फैला दी है। धमाके जैसी आवाज़ों और हल्के भूकंप के झटकों के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर हो गए। वहीं, मंदिर में हुए विस्फोट के कारण भी लोग भयभीत हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी अनहोनी की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करने का अनुरोध किया है।
स्थिति सामान्य करने के प्रयास
प्रशासन की ओर से लोगों को आश्वासन दिया गया है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और सुरक्षा के सभी उपाय किए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों को अस्थाई आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन धमाके जैसी आवाज़ों का कारण स्पष्ट होने तक सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।