Cancer Medicine: कैंसर मरीजों को राहत, एंटी-कैंसर दवाओं पर कस्टम ड्यूटी खत्म
Cancer Medicine: कैंसर जैसे गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के लिए केंद्रीय सरकार का नया आदेश राहत का संचार लेकर आया है। महंगी दवाओं और उपचारों से निजात पाने के लिए, सरकार ने फार्मास्युटिकल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तीन एंटी-कैंसर दवाओं की कीमतें कम करें, ताकि उपभोक्ता कस्टम ड्यूटी और जीएसटी छूट का लाभ उठा सकें। इस संबंध में मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इन दवाओं की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को बाजार में कम किया जाना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को कम करों और शुल्कों का लाभ मिल सके।
दवाओं की कीमतें कम करने के निर्देश
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने संबंधित दवा निर्माताओं को पत्र लिखकर ट्रास्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डूर्वालुमाब नामक तीन एंटी-कैंसर दवाओं की कीमतें कम करने का निर्देश दिया है। ये दवाएं उन मरीजों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो कैंसर के उपचार के लिए इनका उपयोग कर रहे हैं।
कस्टम ड्यूटी को शून्य करने का आदेश
मौजूदा समय में, ये तीन एंटी-कैंसर दवाएं कस्टम ड्यूटी से छूट प्राप्त कर रही हैं। वित्त मंत्रालय की तरफ से 2024-25 के सामान्य बजट में किए गए ऐलान के तहत इन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी को शून्य किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि इन दवाओं की अधिकतम खुदरा मूल्य में कमी आएगी, जिससे उपभोक्ता करों और शुल्कों में कमी का लाभ उठा सकेंगे।
मूल्य परिवर्तन की सूचना NPPA को देना होगा अनिवार्य
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दवा निर्माताओं को इन परिवर्तनों के संदर्भ में एक मूल्य सूची या पूरक मूल्य सूची जारी करनी होगी, जिसे वे डीलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को सूचित करेंगे। इसके साथ ही, उन्हें NPPA को मूल्य परिवर्तन की जानकारी भी प्रस्तुत करनी होगी।
वित्त मंत्री ने की मूल्य में कमी का प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2024-25 के केंद्रीय बजट के दौरान ट्रास्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डूर्वालुमाब पर कस्टम ड्यूटी को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव रखा था। इस छूट के कारण बाजार में इन दवाओं की कीमतों में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को करों और शुल्कों में कमी का लाभ मिलेगा।
मरीजों के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह निर्णय कैंसर के मरीजों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कैंसर उपचार की लागत आमतौर पर बहुत अधिक होती है, और मरीजों के लिए इसका वहन करना मुश्किल हो सकता है। इस नई नीति के तहत, जहां दवाओं की कीमतों में कमी आएगी, वहीं मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी मिल सकेंगी।
दवा निर्माताओं की भूमिका
दवा निर्माताओं की भूमिका इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण है। NPPA द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि दवाओं की नई कीमतें जल्द से जल्द प्रभावी हों। इसके लिए उन्हें आवश्यक कदम उठाने होंगे और अपने उत्पादों की कीमतों में तेजी से बदलाव करना होगा।
आर्थिक प्रभाव
इस निर्णय का आर्थिक प्रभाव भी व्यापक हो सकता है। जब दवाओं की कीमतें कम होंगी, तो मरीजों को उनकी जरूरत की दवाएं खरीदने में आसानी होगी। इससे न केवल मरीजों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र की समग्र स्थिति को भी बेहतर बनाने में सहायक होगा।
कुल मिलाकर, केंद्रीय सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम कैंसर के मरीजों के लिए राहत लाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह नीति न केवल महंगी दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद करेगी, बल्कि यह मरीजों को आर्थिक राहत भी प्रदान करेगी। उम्मीद की जा रही है कि इस निर्णय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को नए सिरे से आशा मिलेगी और वे अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।
सरकार की यह पहल दिखाती है कि वह स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और मरीजों की भलाई के लिए निरंतर प्रयासरत है। आने वाले समय में यदि ऐसी योजनाएं और भी लागू की जाती हैं, तो इससे निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार होगा। इस प्रकार, पीएम मोदी की सरकार ने एक बार फिर से दिखाया है कि वह स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मरीजों के कल्याण के प्रति गंभीर है।