
Telangana Tunnel Accident: श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना के तहत निर्माणाधीन टनल में फंसे आठ लोगों को बचाने में चार दिन बाद भी सफलता नहीं मिली है। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में हुए इस हादसे के बाद भारतीय सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, जीएसआई और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ लगातार बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन लगातार बहते गाद (सिल्ट) और पानी के प्रवाह के कारण राहत अभियान में गंभीर बाधाएं आ रही हैं। टनल में पानी बहुत तेज़ गति से बह रहा है, जिससे बचाव दल के लिए भी जोखिम बढ़ गया है।
बचाव कार्य में आ रही चुनौतियां
टनल में पानी का तेज़ बहाव और सिल्ट का लगातार अंदर आना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह भारत का अब तक का सबसे जटिल और कठिन सुरंग बचाव अभियान बन चुका है। टनल में प्रवेश करने और बाहर निकलने का केवल एक ही रास्ता है, जिससे ऑपरेशन में और भी मुश्किलें आ रही हैं।

भूगर्भीय और वैज्ञानिक विशेषज्ञ भी शामिल तेलंगाना सरकार ने बचाव कार्य को तेज़ करने के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) के विशेषज्ञों को भी इस अभियान में शामिल किया है। जल संसाधन मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने इसे भारत के सबसे जटिल बचाव अभियानों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी ताकत से फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास कर रही है।

बचाव दल के प्रयास जारी
नागरकुरनूल जिले के कलेक्टर बी. संतोष ने कहा, “हम अब तक फंसे हुए लोगों से संपर्क नहीं कर पाए हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और अन्य विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है। फिलहाल टनल से पानी बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है, जिससे बचाव दल आगे बढ़ सके। अभी भी बचाव दल और फंसे हुए लोगों के बीच 40-50 मीटर की दूरी बनी हुई है। एलएंडटी के विशेषज्ञ भी इस ऑपरेशन में सहायता कर रहे हैं।”
राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज़
इस हादसे को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी शुरू हो गई है। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। वहीं, कांग्रेस सांसद चमला किरण कुमार रेड्डी ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है, बल्कि टनल में फंसे लोगों को बचाने पर ध्यान केंद्रित करने का है।
राहत कार्य में 11 एजेंसियां जुटीं
रेड्डी ने जानकारी दी कि इस बचाव कार्य में भारतीय सेना, नौसेना की मरीन कमांडो फोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, GSI, रैट माइनर्स और सिंगरेनी कोलियरीज़ कंपनी लिमिटेड सहित 11 एजेंसियों के विशेषज्ञ दिन-रात काम कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों की बढ़ती चिंता
टनल में फंसे लोगों के परिवार और स्थानीय नागरिकों में इस घटना को लेकर भारी चिंता बनी हुई है। लोग लगातार प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वे इस बचाव अभियान को जल्द से जल्द पूरा करें।
आगे की रणनीति
सरकार और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जब तक सभी लोगों को सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जाता, तब तक बचाव अभियान जारी रहेगा। नई तकनीकों और आधुनिक उपकरणों की मदद से बचाव कार्य को और तेज़ करने की कोशिश की जा रही है। अगले कुछ घंटों में बचाव दल कुछ और महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है।

