
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Mallikarjun Kharge ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। इस दौरान उन्होंने जाति जनगणना, ईवीएम और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर कई महत्वपूर्ण बयान दिए।
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे जाति जनगणना से डरते हैं। उनका कहना था कि मोदी इसीलिए इस जनगणना के खिलाफ हैं, क्योंकि अगर यह जनगणना हो गई तो हर समुदाय अपनी हिस्सेदारी की मांग करेगा। खरगे ने यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी के संविधान दिवस कार्यक्रम के दौरान की, जो टॉकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया गया था।

खरगे ने आगे कहा कि अगर मोदी सरकार देश में एकता चाहती है तो उन्हें नफरत की राजनीति को रोकना होगा। उनका कहना था कि मोदी और भाजपा सरकार धर्म और जाति के आधार पर समाज को बांटने का काम कर रही है, जो देश की एकता के लिए खतरे की घंटी है।

ईवीएम पर उठाए सवाल
मल्लिकार्जुन खरगे ने देश में चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि पहले जो बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होते थे, वही तरीका फिर से अपनाया जाना चाहिए। खरगे ने कहा, “हम ईवीएम नहीं चाहते, हमें बैलेट पेपर चाहिए।” उनका यह बयान चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।
बैलेट पेपर के लिए अभियान शुरू करेंगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणा की कि अगर देश में बैलेट पेपर से चुनाव की प्रक्रिया फिर से शुरू नहीं की जाती, तो कांग्रेस पार्टी इसके लिए एक बड़ा अभियान चलाएगी। उन्होंने इसे कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समान एक बड़े अभियान की तरह बताया। खरगे ने कहा कि यह अभियान केवल कांग्रेस पार्टी की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की आवाज होगी, जो चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता चाहता है।
केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा ने सत्ता में आते ही देश को लूटा और इसका लाभ कुछ विशेष उद्योगपतियों को दिया, जिनमें प्रमुख नाम आदानी और अंबानी का है। खरगे ने कहा, “आप सत्ता में आए और लूट मचाई। आपने देश की संपत्ति को आदानी, अंबानी और अन्य व्यापारियों को दे दिया। ये लोग कभी देश के बारे में नहीं सोचते, सिर्फ अपनी जेब भरने के बारे में सोचते हैं।”
उन्होंने कहा कि आदानी का महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण रोल था। पीएम मोदी ने उन्हें राज्य में कई संपत्तियां दीं और वह इन्हें भाजपा की ओर से चुनावों में बांट रहे हैं। खरगे ने आरोप लगाया कि आदानी को मिलने वाली यह संपत्ति मोदी सरकार की ओर से है, जो संविधानिक मूल्यों का उल्लंघन करती है।
संविधानिक मूल्य और संस्थागत अखंडता पर सवाल
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार में न तो संविधानिक मूल्य हैं, न ही संस्थागत अखंडता। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार का कोई संघीय चरित्र नहीं है।” उनका मानना था कि मोदी और भाजपा का ध्यान हमेशा एक-दूसरे के फायदे पर केंद्रित रहता है, जबकि उन्हें देश की चिंता करनी चाहिए।
कांग्रेस का दृष्टिकोण और भविष्य के कदम
खरगे ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से देश के संविधान और संस्थाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। उनका कहना था, “कांग्रेस का उद्देश्य हर नागरिक को समान अधिकार देना है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या समुदाय से हो।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि उनका पार्टी इस दिशा में लगातार काम करेगी और अगर केंद्र सरकार अपनी नीतियों को नहीं बदलेगी, तो कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।
मल्लिकार्जुन खरगे का यह बयान कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है। उनका जोर बैलेट पेपर से चुनाव कराने और देश में लोकतंत्र की सच्चाई को फिर से स्थापित करने पर है। साथ ही, उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, जो उनके अनुसार देश की संविधानिक मूल्यों और संस्थागत अखंडता के खिलाफ हैं। अब कांग्रेस पार्टी बैलेट पेपर के समर्थन में एक बड़ा अभियान चलाने की योजना बना रही है, जो भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।

