Ghaziabad: दीवाली का त्यौहार नज़दीक आ रहा है और इस दौरान पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में पटाखों की बिक्री पर कार्रवाई की है और लगभग 1.5 करोड़ रुपये के पटाखों को जब्त किया है, लेकिन बिक्री रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर पटाखों की बिक्री शुरू हो गई है, और लोगों को घर पर डिलीवरी की पेशकश की जा रही है।
ऑनलाइन पटाखों की बिक्री का बढ़ता चलन
पुलिस की कार्रवाई के बावजूद, पटाखों की बिक्री अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे व्हाट्सएप नंबरों के माध्यम से की जा रही है। लोग इन नंबरों पर संपर्क करके ऑर्डर कर रहे हैं, और यह दावा किया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों में सप्लाई की जाएगी। इस प्रकार की बिक्री ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जो पहले ही ध्वनि और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रतिबंधित करने की कोशिश कर रहा है।
पटाखों की डिलीवरी की प्रक्रिया
हाल ही में, दैनिक जागरण ने एक व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से एक सप्लायर से बात की। बातचीत में सप्लायर ने कहा कि पटाखों का ऑर्डर देने के लिए क्षेत्र बताने पर वह बिना डिलीवरी चार्ज के सामान पहुंचाने का आश्वासन देता है। यह दिखाता है कि कैसे लोग बिना किसी रोक-टोक के पटाखे मंगवा रहे हैं।
ऑर्डरिंग का आसान तरीका
सप्लाई करने वाले ने बातचीत के दौरान एक लिंक भी भेजा, जिस पर क्लिक करते ही ‘अगरवाल फायर वर्क्स’ नाम के पेज पर पहुंचा जा रहा है। इस पेज पर पटाखे 40 रुपये से लेकर 7880 रुपये तक की कीमतों में उपलब्ध हैं। यह प्रक्रिया न केवल असुविधाजनक है, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।
वायु प्रदूषण की चिंता
गाज़ियाबाद में वायु गुणवत्ता पहले से ही खराब हो चुकी है। यदि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी का यह सिलसिला जारी रहा, तो दीवाली पर पटाखों पर लगाया गया प्रतिबंध सिर्फ एक दिखावा बनकर रह जाएगा। पिछले कुछ वर्षों से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर रोक लगा दी गई है, लेकिन बिक्री अभी भी जारी है।
पुलिस और प्रशासन की चुनौती
गाज़ियाबाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है। उन्हें पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। पुलिस ने हाल ही में एक विशेष अभियान चलाया है, लेकिन इसके बावजूद ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से पटाखों की आपूर्ति जारी है। इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना कितना कठिन हो गया है।
लोगों की प्रतिक्रिया
गाज़ियाबाद के निवासी इस समस्या के बारे में जागरूक हैं, और कई लोगों ने सरकार से अपील की है कि वह इस पर कड़ा कदम उठाए। कई लोग मानते हैं कि दीवाली का त्यौहार पटाखों के बिना भी मनाया जा सकता है और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
समाज के विभिन्न तबके की राय
कई सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए लगातार आवाज़ उठाई है। उनका कहना है कि यह केवल वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए नहीं, बल्कि लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
दीवाली के इस त्यौहार पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने की कोशिशें और भी आवश्यक हो गई हैं। यदि इस स्थिति को तुरंत नहीं नियंत्रित किया गया, तो दीवाली का त्योहार न केवल नुकसानदेह साबित होगा, बल्कि यह लाखों लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
सरकार को चाहिए कि वह इस समस्या के प्रति गंभीरता से ध्यान दे और संबंधित विभागों के साथ मिलकर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री को रोकने के लिए ठोस उपाय लागू करे। यह न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखेगा।
सामाजिक मीडिया के इस दौर में, जहां सूचना तेजी से फैलती है, सरकार और प्रशासन को भी अपने उपायों को बेहतर और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है, ताकि दीवाली का त्योहार सुरक्षित और सुखद हो सके।