UP News: ट्रांस हिंडन के कई क्षेत्रों में रोजाना पानी की समस्या बनी रहती है। शनिवार को कड़कड़ मॉडल क्षेत्र में सुबह केवल 15 से 20 मिनट के लिए ही पानी आया, वह भी बहुत कम प्रेशर के साथ। जो पानी पहले से टंकियों में स्टोर था, वह दोपहर तक खत्म हो गया। इसके बाद लोगों को पानी के लिए भारी परेशानी झेलनी पड़ी। स्थानीय निवासी ममता देवी ने बताया कि पानी कभी कम प्रेशर से आता है तो कभी गंदा पानी आता है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-दो में भी पानी की आपूर्ति कम प्रेशर से हुई, जिससे ऊपर की मंजिलों पर रहने वाले लोग पानी जमा नहीं कर पाए।
बिजली कटौती से बढ़ी मुश्किलें
पानी की समस्या के साथ-साथ बिजली कटौती ने भी लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। भोपुरा के कृष्णा विहार कुटी में शनिवार को करीब चार घंटे बिजली नहीं आई। वहीं इंदिरापुरम के वैभव खंड में बिजली बार-बार कटती रही। लोग लगातार विद्युत निगम के अधिकारियों से शिकायत करते रहे, लेकिन समस्या दोपहर पांच बजे तक बनी रही। इससे स्थानीय निवासियों को भारी असुविधा हुई।
जलकल विभाग की जवाबदेही
जलकल विभाग के महाप्रबंधक केपी आनंद ने कहा कि ज्यादातर इलाकों में पानी की आपूर्ति सामान्य रही। केवल कुछ इक्का-दुक्का इलाकों में समस्या आई थी, जिसे शीघ्र ही ठीक कर दिया गया है। उन्होंने भरोसा दिया कि अब पानी की आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं आएगी। हालांकि स्थानीय लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं कि समस्या स्थायी रूप से नहीं सुलझाई जा रही है।
विद्युत निगम का प्रयास जारी
अधीक्षण अभियंता अखिलेश सिंह ने बताया कि जहां भी बिजली कटौती या ट्रिपिंग की शिकायत मिली, वहां कर्मियों को भेजकर समस्या का समाधान कराया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विद्युत विभाग पूरी कोशिश कर रहा है कि बिजली आपूर्ति में बाधा न आए। हालांकि वास्तविकता यह है कि रोजाना कटौती से स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
जनता की बढ़ती नाराजगी और उम्मीदें
ट्रांस हिंडन में बिजली और पानी की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे स्थानीय जनता में नाराजगी बढ़ रही है। लोग चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इन समस्याओं का स्थायी समाधान निकाले। रोजमर्रा की ज़िन्दगी में पानी और बिजली की बाधित आपूर्ति से घर-परिवार के साथ-साथ व्यापार और अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इस क्षेत्र में बेहतर सेवा और सुविधाएं सुनिश्चित करना अब प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।



