उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाल ही में गोरखपुर पहुंचे जहां वे सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह अभियान के तहत आयोजित एकता यात्रा और राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने के अवसर पर एक समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण ऐलान किए। खासतौर पर उन्होंने घोषणा की कि अब यूपी के हर स्कूल में ‘वंदे मातरम्’ अनिवार्य होगा। यह कदम राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
सरदार पटेल की मूर्ति और राष्ट्रीय एकता पर जोर
इस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रीय एकता के लिए कई बड़े कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति निर्माण का भी उल्लेख किया। योगी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ ने भारत की सोई हुई चेतना को जगाकर स्वतंत्रता संग्राम में सभी को जोड़ने का काम किया था। इसलिए इसे हर स्कूल में पढ़ना अनिवार्य बनाना आवश्यक है ताकि युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना बढ़े।
वंदे मातरम्: 150 वर्षों की ताकत और विवाद
‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने के मौके पर यह घोषणा खास महत्व रखती है। हालांकि वंदे मातरम् को लेकर देश में पहले से ही राजनीतिक और सामाजिक विवाद होते रहे हैं। कई संगठनों ने इसे जबरदस्ती लागू करने को संविधान के खिलाफ बताया है। बावजूद इसके योगी आदित्यनाथ का मानना है कि यह राष्ट्रगीत देश की एकता और आजादी की भावना का प्रतीक है और इसे हर हाल में मान्यता मिलनी चाहिए।
योगी का वंदे मातरम् के प्रति क्रांतिकारियों के सम्मान का दावा
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि 1876 के बाद ऐसा कोई क्रांतिकारी नहीं हुआ जिसने ‘वंदे मातरम्’ का विरोध किया हो। उन्होंने बताया कि इस राष्ट्रगीत ने छात्रों, युवाओं और बच्चों को आजादी की लड़ाई में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। योगी ने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वालों के लिए ‘वंदे मातरम्’ एक जीवन मंत्र की तरह था जो उन्हें एकजुट करता था।
कांग्रेस पर तीखे आरोप और राष्ट्रीय अखंडता का संदेश
सीएम योगी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने ‘वंदे मातरम्’ के कुछ छंदों को संप्रदायक बताकर इसे संशोधित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दो छंदों को ही स्वीकार करने की बात कही जबकि पूरे गीत का सम्मान होना चाहिए। योगी ने साफ किया कि कोई भी व्यक्ति, जाति या धर्म देश से ऊपर नहीं हो सकता। यदि हमारी आस्था राष्ट्रीय अखंडता में बाधक बन रही है तो उसे त्यागना होगा ताकि देश एकजुट रहे।


