
Murshidabad Violence: 19 अप्रैल को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया । इस क्षेत्र में हिंसा को वक्फ अधिनियम के पारित होने से जोड़ा गया है । अपने दौरे के दौरान राज्यपाल ने पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा को समझा। उन्होंने केंद्र सरकार को कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट भेजने का भी वादा किया । राज्यपाल के दौरे के अलावा, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर दौरे के दौरान मौजूद थीं और उन्होंने गंभीर स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यहां बहुत कुछ हो गया है। यह सब अमानवीय है। लोग पीड़ित हैं। हम उनकी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे।”
मिथुन चक्रवर्ती की राष्ट्रपति शासन की मांग
पश्चिम बंगाल में हिंसा फैलती जा रही है , इस बीच अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने स्थिति के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने राज्य की स्थिरता पर गहरी चिंता व्यक्त की और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। मिथुन ने तर्क दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल में कम से कम दो महीने के लिए सेना तैनात की जानी चाहिए । उनके मुताबिक जब तक जमीन पर सेना नहीं होगी, निष्पक्ष चुनाव कराना मुश्किल होगा। मिथुन ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और उन पर हिंसा रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर मैडम चाहें तो एक ही दिन में सब कुछ रुक सकता है लेकिन अब तक उन्होंने कुछ नहीं कहा है।” उन्होंने दावा किया कि ममता सरकार एक विशेष समुदाय को हिंसक कृत्य करने की अनुमति दे रही है, बिना उन्हें रोकने के लिए हस्तक्षेप किए।

#WATCH पश्चिम बंगाल: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की एक टीम ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का दौरा किया।
NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा, “यहां बहुत ज्यादा हो गया। ये सब अमानवीय है। लोगों को तकलीफ हो रही है। उनकी मांगो को हम सरकार के सामने रखेंगे।” pic.twitter.com/GYFsfC2xBL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 19, 2025

सुकांत मजूमदार ने तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा का समर्थन करने का आरोप लगाया
पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा के बीच भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर गंभीर आरोप लगाए हैं । उन्होंने दावा किया कि मुर्शिदाबाद में हिंसा आंशिक रूप से तृणमूल सरकार द्वारा झड़पों में शामिल लोगों को समर्थन देने के कारण हुई है। सुकांत ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राज्यपाल के दौरे से टीएमसी और हिंसा के अपराधियों के बीच संबंधों का पता चल सकता है। उन्होंने कहा, “तृणमूल को डर है कि इन यात्राओं से हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के साथ उनके संबंधों का पता चल जाएगा। वे कुछ समुदायों को खुश करने के लिए गलत काम करने वालों की मदद कर रहे हैं।” यह बयान हिंसा को लेकर चल रहे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और तनाव को और बढ़ाने वाला है।
वर्तमान स्थिति और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शांति की अपील
मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। दुकानें खुल रही हैं और लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। राज्य सरकार ने सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और केंद्रीय बलों की भारी तैनाती की है । हालात में सुधार के बावजूद विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और मांग की है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद के लोगों से शांति बनाए रखने और गलत सूचनाओं से बचने की अपील की है। उन्होंने लोगों से शांत रहने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। ममता ने यह भी कहा, “कुछ लोग आपको गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर ध्यान न दें।” उन्होंने लोगों को शांति बनाए रखने और हिंसा में शामिल न होने की सलाह दी।
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा ने पश्चिम बंगाल में गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट पैदा कर दिया है । राज्यपाल सीवी आनंद बोस और राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है, वहीं मिथुन चक्रवर्ती और सुकांत मजूमदार जैसे राजनीतिक नेताओं ने राष्ट्रपति शासन और सेना की तैनाती सहित सख्त हस्तक्षेप की मांग की है । दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अशांति के बीच शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की है और लोगों से हिंसा से गुमराह या उत्तेजित न होने को कहा है।

