
Rafale maritime jets: भारत ने फ्रांस से 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों की खरीद के ऐतिहासिक सौदे को हरी झंडी दे दी है। इस कदम से देश की रक्षा क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि 63,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के इस सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस सौदे में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर विमान शामिल हैं, जो भारतीय नौसेना की हवाई ताकत को काफी बढ़ावा देंगे।
पाकिस्तान और चीन के विरुद्ध सामरिक शक्ति में वृद्धि
यह सौदा न केवल भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे पाकिस्तान और चीन जैसी क्षेत्रीय शक्तियों के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। राफेल एम जेट विमानों के अधिग्रहण से भारतीय नौसेना और वायु सेना की क्षमताओं में वृद्धि होगी, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बढ़त मिलेगी। इन उन्नत विमानों के शामिल होने से हिंद महासागर और व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत की रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

India clears mega deal to buy 26 Rafale Marine fighter aircraft from France. The government-to-government deal worth over Rs 63,000 crore will be signed soon. Indian Navy will get 22 single-seater and four twin-seater aircraft as part of the deal: Government Sources pic.twitter.com/g3Ef3snrbn
— ANI (@ANI) April 9, 2025

राफेल एम जेट विमानों की डिलीवरी 2029 तक होने की उम्मीद
राफेल एम जेट विमानों की डिलीवरी सौदे पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर होने के लगभग पांच साल बाद शुरू होने की उम्मीद है, पहला विमान 2029 के अंत तक आने की संभावना है। जेट विमानों की पूरी खेप 2031 तक डिलीवर होने की उम्मीद है। इन अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के साथ-साथ आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा। ये विमानवाहक वर्तमान में पुराने मिग-29K बेड़े के साथ काम करते हैं, और राफेल एम जेट नौसेना की मौजूदा क्षमताओं को पूरक और बढ़ाएंगे।
राफेल एम जेट भारत की ताकत बढ़ाएंगे
भारत की वायु सेना पहले से ही 36 राफेल लड़ाकू विमानों का संचालन कर रही है, जिन्हें अंबाला और हाशिमारा के ठिकानों पर तैनात किया गया है। ये विमान भारत की हवाई रक्षा को बढ़ाने में अत्यधिक सक्षम साबित हुए हैं। राफेल एम जेट विमानों के शामिल होने से भारतीय नौसेना अपनी हवाई लड़ाकू क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से उन्नत करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि नौसेना और वायु सेना दोनों ही तेजी से अस्थिर क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा के लिए मिलकर काम कर सकें। यह सौदा भारत के रक्षा आधुनिकीकरण कार्यक्रम में एक और बड़ा कदम है।

