
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से करीब 1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। आरोपी की पहचान रंजन पासवान के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, रंजन पासवान बेरोजगार युवाओं को रेलवे अधिकारियों से मजबूत रिश्तों का झांसा देकर धोखा देता था। इस धोखाधड़ी का खुलासा पुलिस द्वारा की गई जांच के बाद हुआ।
रंजन पासवान की धोखाधड़ी की पूरी कहानी
रंजन पासवान, जो पहले NAFED (राष्ट्रीय खाद्य और विपणन निगम) में ड्राइवर के रूप में काम करता था, ने अपने नौकरी से निकाले जाने के बाद भी धोखाधड़ी का सिलसिला जारी रखा। उसे 2021 में NAFED द्वारा धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था, लेकिन उसने अपनी पुरानी पहचान और रिश्तों का गलत फायदा उठाकर बेरोजगार युवाओं से पैसे वसूले।

रंजन पासवान बेरोजगार युवाओं को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देता था और उनसे पैसे लेकर उन्हें फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट, प्रशिक्षण सत्र और जॉइनिंग लेटर देता था। इसके बाद, वह युवाओं को यह विश्वास दिलाता था कि उन्होंने रेलवे में नौकरी प्राप्त कर ली है, जबकि असल में यह सब झूठ था।

पुलिस की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी
Delhi पुलिस ने मोबाइल ट्रैकिंग और सोशल मीडिया निगरानी जैसे उन्नत तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर रंजन पासवान को पकड़ने में सफलता पाई। जब पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए छानबीन शुरू की, तो वह फरार हो गया था और कोर्ट ने उसे 14 फरवरी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस ने उसकी लोकेशन का पता लगाया और आखिरकार उसे Delhi के तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया।
धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों के बारे में जांच जारी
पुलिस अब रंजन पासवान से पूछताछ करके यह जानकारी जुटा रही है कि उसकी धोखाधड़ी में अन्य कौन-कौन से लोग शामिल थे। आरोपी के पकड़े जाने के बाद, पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या वह किसी गैंग का हिस्सा था जो रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे ठगता था।
रंजन पासवान का गिरोह और पुलिस की कार्रवाई
रंजन पासवान की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने यह साफ किया है कि वह अकेला नहीं था, बल्कि उसके साथ कई और लोग भी इस धोखाधड़ी में शामिल हो सकते हैं। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि उसने और उसके साथी किस तरह से बेरोजगार युवाओं को धोखा दिया और उन्हें झांसा देकर पैसे ठगे। पुलिस का कहना है कि रंजन पासवान को पकड़े जाने के बाद इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह मामला यह दिखाता है कि किस तरह कुछ लोग बेरोजगार युवाओं की मेहनत और इच्छाओं का गलत फायदा उठाकर उन्हें धोखा देते हैं। पुलिस ने रंजन पासवान को गिरफ्तार कर उसके नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए कड़ी मेहनत की है। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है और यह उम्मीद की जा रही है कि इस गैंग का नेटवर्क जल्द ही उजागर होगा।

