
PM Modi ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की प्रशंसा करते हुए कहा कि संघ के कारण ही उन्हें मराठी भाषा सीखने और मराठी संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिला। उन्होंने इस योगदान के लिए संघ का आभार प्रकट किया।
12 करोड़ मराठी भाषी लोगों की इच्छा हुई पूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में फैले 12 करोड़ मराठी भाषी लोग इस निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने आरएसएस को मराठी संस्कृति और भाषा सिखाने का श्रेय देते हुए कहा कि संघ युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए एक सांस्कृतिक ‘यज्ञ’ कर रहा है। उन्होंने कहा कि संघ पिछले 100 वर्षों से भारतीय संस्कृति और परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 100 वर्षों से भारत की महान परंपरा और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक संस्कार यज्ञ चला रहा है। pic.twitter.com/eJnAn7LgF9
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2025
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर भी गर्व करना चाहिए कि लगभग 100 वर्ष पहले मराठी भाषी व्यक्ति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी।
उन्होंने कहा कि आरएसएस अपनी शताब्दी मना रहा है और उसी समय विवेकानंद की तरह भारतीय संस्कृति को युवाओं तक पहुंचाने के लिए सांस्कृतिक यज्ञ भी कर रहा है।
मराठी साहित्य सम्मेलन का महत्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठी साहित्य सम्मेलन किसी एक भाषा या राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम के सार को दर्शाता है। यह महाराष्ट्र और देश की सांस्कृतिक विरासत को समाहित करता है।
उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देकर सरकार ने ऐतिहासिक कार्य किया है। इससे मराठी भाषा और साहित्य को वैश्विक पहचान मिलेगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मराठी भाषा का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत की संस्कृति को संजोने और उसे आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि संघ के कारण ही उन्हें मराठी भाषा और संस्कृति को नजदीक से समझने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि मराठी भाषा भारतीय इतिहास और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर लोकमान्य तिलक और बाबा साहेब आंबेडकर तक, मराठी भाषा ने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से मराठी साहित्यकारों, कवियों और लेखकों को एक मंच मिला है, जिससे वे अपनी भाषा और संस्कृति को और अधिक मजबूती से आगे बढ़ा सकें।
संघ के 100 वर्ष और सांस्कृतिक जागरूकता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बीते 100 वर्षों में देश के युवाओं को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि संघ का कार्य राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब हमारी भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को भी सशक्त करने की आवश्यकता है। मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संबोधन ने मराठी भाषा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने संघ को युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया और मराठी भाषा को मिले नए दर्जे को एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। इस सम्मेलन ने मराठी साहित्य और संस्कृति के महत्व को पुनः स्थापित किया है और यह दर्शाया है कि कैसे भाषा और संस्कृति राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकते हैं।

