
Union Budget 2025: भारत में कृषि क्षेत्र हमेशा से देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यही कारण है कि हर साल केंद्रीय बजट में इस क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए जाते हैं। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। उन्होंने कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था का “पहला इंजन” बताया, जो विकसित भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस बार के बजट में किसानों के लिए कई नई योजनाएं और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए बजट में महत्वपूर्ण प्रावधान
वित्त मंत्री ने बजट में कृषि क्षेत्र के विकास और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। इनमें से सबसे अहम कदम था किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की अधिकतम ऋण सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना। यह कदम कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, क्योंकि इससे लगभग 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और पशुपालकों को छोटे-कालीन ऋण प्राप्त हो सकेंगे। इससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और वे खेती और अन्य कृषि कार्यों के लिए जरूरी संसाधन जुटा सकेंगे।


किसानों के लिए नई योजनाएं
वित्त मंत्री ने किसानों के लिए तकनीकी सहायता की घोषणा की, जिससे उन्हें कृषि में नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और साथ ही साथ कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसके अलावा, कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की गई है।
फाइनेंस मंत्री ने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की भी घोषणा की, जिससे मखाना की उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवृद्धि और विपणन प्रणाली में सुधार होगा। यह कदम बिहार के मखाना उत्पादकों को बहुत लाभ पहुंचाएगा, क्योंकि मखाना भारत में एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है और इसका निर्यात भी बढ़ रहा है।
इसके अलावा असम में फर्टिलाइज़र प्लांट स्थापित करने की योजना है, जिससे देश में उर्वरक संकट को हल किया जा सकेगा। इस प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता एक लाख टन होगी, जो देश के किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराएगा।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में 1.7 करोड़ किसानों को सहायता देने की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना से किसानों को कृषि में उन्नति और आधुनिकता लाने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को की थी। इस योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन किश्तों में उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है। प्रत्येक किश्त में 2,000 रुपये सीधे किसान के बैंक खाते में डाले जाते हैं। इस योजना का लाभ अब केवल छोटे और सीमांत किसानों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे अब और किसानों के लिए खोला गया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य किसानों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे अपनी कृषि में निवेश कर सकें और कृषि कार्यों को सही तरीके से चला सकें। इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलता है जिनकी भूमि 2 हेक्टेयर से कम है, और उन्हें आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना अनिवार्य होता है।
कृषि बीमा योजना: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
कृषि में जोखिम को कम करने और किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को की गई थी। यह योजना किसानों को फसल नुकसान या विफलता के कारण होने वाले वित्तीय संकट से बचाने में मदद करती है। इस योजना के तहत किसान अपनी फसलों को बीमा करा सकते हैं ताकि खराब मौसम या प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नष्ट होने पर उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके।
इस योजना में रबी और खरीफ फसलों के बीमा की आवश्यकता होती है, और किसानों को इसके लिए प्रीमियम का भुगतान करना होता है। इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलता है जो कृषि भूमि के मालिक होते हैं और उनका नाम भारतीय नागरिक के रूप में रजिस्टर्ड होता है। इस योजना से किसानों को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं, जैसे कि प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा, वित्तीय सहायता और तनाव-मुक्त कृषि जीवन।
कृषि क्षेत्र की स्थिति में सुधार और किसानों की आर्थिक स्थिति
सरकार की योजनाओं और प्रावधानों के कारण कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं के जरिए किसानों को राहत मिली है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। पहले के मुकाबले किसानों की आय में वृद्धि हुई है और उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल रहा है। इसके साथ ही, किसानों को उनके वित्तीय सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय भी मिल रहे हैं, जिससे वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो पा रहे हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए इस बजट में किए गए प्रावधानों से यह स्पष्ट है कि सरकार का उद्देश्य किसानों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि देश के कृषि क्षेत्र में एक नया बदलाव आएगा। किसानों के लिए कई योजनाएं लागू की जा चुकी हैं, जो उनकी जिंदगी को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इस बजट से यह साबित होता है कि कृषि क्षेत्र की प्रगति देश की समग्र विकास यात्रा में अहम भूमिका निभाएगी

