
Mahakumbh Stampede: 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ के दौरान मौन अमावस्या के दिन अमृत स्नान से पहले हुए भगदड़ हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा एक बार फिर दर्शाता है कि कुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की कितनी बड़ी आवश्यकता होती है। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त की।
जमात-ए-इस्लामी हिंद की प्रतिक्रिया और केंद्रीय तथा राज्य सरकार से मांग

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस हादसे पर बुधवार (29 जनवरी 2025) को गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना के लिए केंद्रीय और उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। संगठन ने मांग की कि महाकुंभ में व्यवस्थाओं में जो भी कमी हो, उसे तुरंत दूर किया जाए।

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने मोदी सरकार और योगी सरकार से यह बड़ी मांग की कि आम भक्तों को भी वीआईपी की तरह सुरक्षा प्रदान की जाए। संगठन ने कहा कि दुख की इस घड़ी में वे शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े हैं और प्रभावित परिवारों को इस कठिन समय में संबल मिले, इसके लिए वे दुआ करते हैं।
भीड़ नियंत्रण की जरूरत पर जोर
जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष सलिम इंजीनियर ने कहा कि यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि ऐसे विशाल आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और भीड़ नियंत्रण की योजना बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि वीआईपी की सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाए।
उन्होंने कहा, “केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और कुंभ में जो भी व्यवस्थाओं में कमी है, उसे तुरंत सुधारना चाहिए। साधारण श्रद्धालुओं को भी वही सुरक्षा और देखभाल मिलनी चाहिए जो वीआईपी और विशेष अतिथियों को दी जाती है।”
पीड़ितों के परिवारों के लिए संवेदना और सहायता की मांग
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। संगठन ने कहा कि वे उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। इस घड़ी में हम पीड़ित परिवारों के लिए दुआ करते हैं और चाहते हैं कि वे इस दुख को सहन कर सकें।
दूसरे राज्यों से भी लोग प्रभावित
इस हादसे में केवल उत्तर प्रदेश के लोग ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी लोग प्रभावित हुए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, कर्नाटका, असम और गुजरात से भी लोग हादसे का शिकार हुए हैं। कर्नाटका से चार, असम से एक और गुजरात से एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुछ घायल श्रद्धालुओं को उनके परिजनों द्वारा अस्पताल से ले जाया गया है।
अमृत स्नान में देरी का कारण सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ के इस बड़े हादसे के बाद प्रशासन ने अमृत स्नान को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया था, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुरक्षा और सुविधा मिल सके। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
आगे की तैयारी और सरकार से अपेक्षाएं
महाकुंभ जैसी भव्य और ऐतिहासिक धार्मिक घटना के आयोजन में इस प्रकार के हादसे की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेष रूप से सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की योजनाओं में सुधार किया जाना चाहिए। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि भविष्य में इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में लाखों लोग एकत्र होते हैं, और ऐसे आयोजनों में सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस हादसे से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन को अपनी योजनाओं और व्यवस्थाओं को और भी पुख्ता करना होगा। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने अपनी मांगों को स्पष्ट किया है और यह उम्मीद जताई है कि सरकार इस घटना से सीख लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगी।
इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित किया है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और व्यवस्था का बहुत महत्व होता है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं का पुनरावृत्ति न हो।

