
Makakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज रेलवे डिवीजन ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। माघ मेला के दूसरे शाही स्नान (मौनी अमावस्या) के दिन 222 मेल स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया। यह न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि यह रेलवे की पूरी व्यवस्था और समर्पण का प्रतीक भी है। इन विशेष ट्रेनों का उद्देश्य शहर से बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर भेजना था।
प्रयागराज रेलवे डिवीजन का अभूतपूर्व प्रयास

मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज रेलवे डिवीजन ने 222 मेल स्पेशल ट्रेनें चलाकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया। इसके साथ ही, नियमित ट्रेनों का भी संचालन किया गया, जिससे कुल मिलाकर 365 ट्रेनें एक ही दिन में चलीं। इन ट्रेनों के जरिए लगभग 12 लाख लोगों को प्रयागराज से बाहर भेजा गया।

प्रत्येक स्टेशन से विशेष ट्रेनें चलाई गईं
प्रयागराज के सभी 9 प्रमुख रेलवे स्टेशनों से मेल स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इनमें से प्रयागराज जंक्शन (NCR) से 104 मेल स्पेशल ट्रेनें, छेौकी से 23, नैनि से 17, सुबेदारगंज से 13, प्रयाग स्टेशन से 23, फफामऊ से 5, रामबाग से 9 और झूंसी से 28 ट्रेनें रवाना की गईं। इसके अलावा, 5 एक्सटेंडेड ट्रेनें, 5 रिंग रेल, 3 लंबी दूरी की ट्रेनें और 69 नॉन-टाइमटेबल ट्रेनें भी चलायी गईं।
वरिष्ठ अधिकारियों ने की निगरानी
रेलवे अधिकारियों ने इस पूरे आयोजन को बारीकी से देखा। NCR के जनरल मैनेजर उपेन्द्र जोशी ने पूरी व्यवस्था की निगरानी युद्ध कक्ष से की, जबकि डिवीजनल रेलवे मैनेजर हिमांशु बदोनी ने नियंत्रण कक्ष से समन्वय किया। शाही स्नान के दौरान, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए खुसरो बाग होल्डिंग एरिया को भी जल्दी खोल दिया गया। GRP और सिविल पुलिस ने स्टेशनों में सुरक्षित प्रवेश और निकासी की व्यवस्था की।
रेलवे की योजना
रेलवे ने पहले ही अनुमान लगा लिया था कि माघ मेला के दूसरे शाही स्नान के दिन 7 से 8 करोड़ लोग प्रयागराज आएंगे। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बनाई थी। रेलवे का कहना था कि मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को प्रयागराज से बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन ट्रेनें के माध्यम से बाहर जाने वाले यात्रियों को सहूलियत दी गई।
रेगुलर ट्रेनों का संचालन जारी
हालांकि, इस विशेष योजना के तहत प्रयागराज से बाहर जाने वाली ट्रेनें ही चलाई गईं, लेकिन प्रयागराज आने वाली नियमित ट्रेनें भी अपने निर्धारित समय पर चलती रहीं। इसका मतलब यह था कि शहर में आने और जाने वाली ट्रेनों का संचालन बिना किसी रुकावट के चलता रहा।
स्नान के बाद रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़
दूसरे शाही स्नान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु रेलवे स्टेशनों की ओर बढ़े। इन स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी गई, लेकिन रेलवे ने इसका उचित प्रबंधन किया और ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से जारी रखा। यह दिन रेलवे अधिकारियों के लिए बेहद व्यस्त था, लेकिन वे अपनी पूरी मेहनत से कार्य को पूरा कर रहे थे।
कुछ ट्रेनें हुईं रद्द
हालांकि, प्रयागराज रेलवे डिवीजन ने इस दिन ट्रेन संचालन में पूरी सर्तकता बरती, फिर भी दो दर्जन से अधिक ट्रेनों को अन्य मार्गों से रद्द करना पड़ा। रेलवे अधिकारियों का कहना था कि यह ट्रेनें व्यस्तता के कारण रद्द की गईं और यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।
महाकुंभ के दौरान रेलवे के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार की योजना
महाकुंभ के आयोजन में रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच अच्छे समन्वय की योजना बनाई गई है। रेलवे ने पूरी महाकुंभ अवधि के लिए विशेष तैयारियां की थीं, जो अब सफलता के साथ लागू हो रही हैं। यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने एक विस्तृत व्यवस्था तैयार की थी, जिसे अब देखा जा रहा है कि यह व्यवस्था पूरी तरह से कार्य कर रही है।
महाकुंभ 2025 के आयोजन के दौरान प्रयागराज रेलवे डिवीजन का यह अभूतपूर्व प्रयास न केवल रेलवे की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे बड़े आयोजनों के दौरान रेलवे ने अपनी समर्पित सेवाओं के द्वारा लोगों को सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित की। 222 मेल स्पेशल ट्रेनों का संचालन इस बात का प्रमाण है कि रेलवे ने यात्री परिवहन में हर पहलू को ध्यान में रखते हुए अपनी व्यवस्था तैयार की है, जिससे न केवल यात्रियों को सहूलियत मिली, बल्कि उनके सुरक्षित आवागमन में भी मदद मिली।

