
Adani Groups: भारतीय अरबपति गौतम अडानी और उनकी कंपनी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच श्रीलंका और अडानी ग्रुप के बीच पावर पर्चेज एग्रीमेंट (PPA) को लेकर अलग-अलग रिपोर्ट्स सामने आई हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि श्रीलंका ने इस समझौते को रद्द कर दिया है। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका द्वारा लगाए गए रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद श्रीलंका सरकार ने अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट्स की जांच शुरू की थी। इसके बाद खबरें आईं कि श्रीलंका की सरकार ने इस डील को खत्म कर दिया है।
अडानी ग्रुप का स्पष्टीकरण
हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन खबरों को झूठा और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया। अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि मन्नार और पूनरी में 484 मेगावाट के विंड पावर प्रोजेक्ट को रद्द करने की खबरें पूरी तरह से झूठी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह परियोजना रद्द नहीं की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि श्रीलंका की नई सरकार ने केवल डील की शर्तों का पुनर्मूल्यांकन करने का फैसला किया है ताकि यह उनकी वर्तमान प्राथमिकताओं और ऊर्जा नीतियों के अनुकूल हो।

डील का ऐतिहासिक संदर्भ
मई 2024 में श्रीलंका ने अडानी ग्रीन एनर्जी के साथ 20 साल के पावर पर्चेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे। यह डील 484 मेगावाट के विंड पावर प्रोजेक्ट के लिए हुई थी, जिसे श्रीलंका के मन्नार और पूनरी तटीय क्षेत्रों में स्थापित किया जा रहा है। इस परियोजना में करीब 442 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाना है।

डील पर पुनर्मूल्यांकन का निर्णय
रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीलंका की नई सरकार ने जनवरी 2025 में फैसला किया कि इस डील की शर्तों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। श्रीलंका के ऊर्जा मंत्रालय ने भी बताया कि यह कदम प्रक्रिया का हिस्सा है और डील को रद्द नहीं किया गया है।
अमेरिकी कोर्ट में अडानी ग्रुप पर आरोप
नवंबर 2024 में न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। आरोप था कि अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल सोलर को प्रोजेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को भारी रिश्वत दी गई। बताया गया कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रुप को सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई।
अडानी ग्रुप ने आरोपों को किया खारिज
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। गुरुवार को अडानी ग्रीन एनर्जी ने बताया कि आरोपों की जांच के लिए स्वतंत्र कानूनी फर्मों को नियुक्त किया गया है।
श्रीलंका के प्रोजेक्ट की समीक्षा
श्रीलंका सरकार ने मन्नार और पूनरी विंड पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया है। हालांकि, ऊर्जा मंत्री ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। मंत्रालय के सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि सरकार डील की समीक्षा कर रही है, लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है।
अडानी ग्रुप का श्रीलंका में निवेश
अडानी ग्रुप ने श्रीलंका के ग्रीन एनर्जी सेक्टर में 1 बिलियन डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह निवेश न केवल अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बल्कि श्रीलंका की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगा।
अडानी ग्रुप और श्रीलंका सरकार के बीच डील रद्द होने की खबरें भ्रामक प्रतीत होती हैं। फिलहाल, प्रोजेक्ट की समीक्षा की जा रही है और कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि डील को रद्द कर दिया गया है। अडानी ग्रुप ने अपनी ओर से इन खबरों को खारिज करते हुए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है।

