
Lauren Powell: एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, जिन्हें अब ‘कमला’ के नाम से जाना जाएगा, प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में शामिल होने जा रही हैं। लॉरेन को हिंदू नाम ‘कमला’ दिया गया है और वे 13 जनवरी को प्रयागराज पहुंचेंगी। लॉरेन अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद जी के साथ निरंजनी अखाड़े के शिविर में रुकेंगी।
नया नाम और गोत्र प्राप्त किया
स्वामी कैलाशानंद जी ने बताया कि लॉरेन को उनके गुरु का गोत्र दिया गया है। अब उनका गोत्र ‘अच्युत गोत्र’ होगा। उन्होंने कहा, “लॉरेन सनातन धर्म में गहरी रुचि रखती हैं और मुझे अपने पिता के समान मानती हैं। मैं भी उन्हें अपनी बेटी के समान मानता हूं।”

लॉरेन का दूसरा भारत दौरा
यह लॉरेन का दूसरा भारत दौरा है। इससे पहले वे अपने गुरु से मिलने भारत आ चुकी हैं। इस बार वे महाकुंभ के दौरान कई धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लेंगी।

पेशवाई में होंगी शामिल
स्वामी कैलाशानंद ने जानकारी दी कि लॉरेन पेशवाई के आयोजन में भाग लेंगी। महाकुंभ के दौरान वे साधुओं की तरह जीवन व्यतीत करेंगी और शाही स्नान में हिस्सा लेंगी। शाही स्नान 14 जनवरी (मकर संक्रांति) और 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को होगा।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा
महाकुंभ में शामिल होने से पहले लॉरेन वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर गईं, जहां उन्होंने अपने गुरु के साथ पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारी ने बताया कि लॉरेन को शिवलिंग का दर्शन बाहर से कराया गया क्योंकि शिवलिंग को छूने का अधिकार केवल हिंदुओं को है।
स्वामी कैलाशानंद का बयान
स्वामी कैलाशानंद ने कहा, “लॉरेन यहां अपने गुरु से मिलने आई हैं। हमने उन्हें ‘कमला’ नाम दिया है और वे हमारी बेटी के समान हैं। सभी लोग महाकुंभ में स्वागत योग्य हैं।”
साध्वी जीवन शैली अपनाएंगी
स्वामी कैलाशानंद ने कहा कि लॉरेन महाकुंभ के दौरान एक साध्वी की तरह जीवन व्यतीत करेंगी। वे ध्यान और योग में समय बिताएंगी और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगी।
कमला बनने का संदेश
लॉरेन पॉवेल के इस कदम को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की ओर एक विदेशी की गहरी आस्था के रूप में देखा जा रहा है। यह महाकुंभ में भारतीय परंपराओं और संस्कृति की व्यापकता को दर्शाता है।
महाकुंभ में विदेशी भक्तों की बढ़ती रुचि
महाकुंभ 2025 में लॉरेन के अलावा भी कई विदेशी भक्त शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन विश्वभर के लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है।
आध्यात्मिक शांति की खोज
लॉरेन पॉवेल ने अपने भारत दौरे को आध्यात्मिक शांति और आत्मा की खोज के रूप में देखा है। महाकुंभ 2025 के दौरान उनकी भागीदारी भारतीय परंपराओं की महत्ता को और अधिक बढ़ाएगी।
लॉरेन पॉवेल ‘कमला’ के रूप में सनातन धर्म को अपनाते हुए महाकुंभ 2025 में शामिल हो रही हैं। उनका यह कदम भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गहरी रुचि और श्रद्धा को दर्शाता है। महाकुंभ के दौरान उनके अनुभव निश्चित रूप से भारतीय अध्यात्म और संस्कृति को और अधिक प्रचारित करने में सहायक होंगे।

