
Prashant kishore arrested: जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर, जो बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के उम्मीदवारों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर थे, को सोमवार (6 जनवरी) सुबह 4 बजे पुलिस ने हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया। यह जानकारी पटना जिला प्रशासन ने दी। हिरासत में लेने के बाद प्रशांत किशोर को इलाज के लिए पटना एम्स में भर्ती कराया गया। उनकी टीम का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें जबरन ले जाया, जिसके बाद एम्स के बाहर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया।
चार दिनों से जारी था अनशन
प्रशांत किशोर गांधी मैदान, पटना में लगातार चार दिनों से भूख हड़ताल पर थे। 2 जनवरी की शाम 5 बजे से शुरू हुआ उनका अनशन सोमवार सुबह पुलिस की गिरफ्तारी के साथ समाप्त हुआ। अनशन के दौरान उनकी सेहत बिगड़ने की संभावना को देखते हुए डॉक्टर लगातार उनकी जांच कर रहे थे। डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने इलाज नहीं लिया, तो उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है।

स्वास्थ्य बिगड़ने की चेतावनी
चौथे दिन की मेडिकल जांच के बाद डॉक्टर लाल पांडे ने बताया कि प्रशांत किशोर की सेहत ठीक है, लेकिन भूखे रहने के कारण उनके शरीर में यूरिया का स्तर बढ़ गया है और शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है। डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत ठोस और तरल आहार शुरू करने की सलाह दी थी, अन्यथा स्थिति बिगड़ सकती थी।

आमरण अनशन की वजह
प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा में पारदर्शिता का अभाव है और इस प्रक्रिया को फिर से सुधार की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने रविवार को बिहार में एक नई संस्था “युवा सत्याग्रह समिति” के गठन की घोषणा की।
क्या है पूरा मामला?
13 दिसंबर 2024 को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के दौरान पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र लीक होने की अफवाह फैली थी। इसके बाद सैकड़ों परीक्षार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार किया। इस विवाद के बाद बीपीएससी ने बापू परीक्षा भवन में पुनः परीक्षा कराने का आदेश दिया। हालांकि, बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने सुबह दी गिरफ्तारी
सोमवार सुबह पटना के गांधी मैदान से पुलिस ने प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए एम्स ले जाया गया। गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने एम्स के बाहर प्रदर्शन किया।
बिहार के युवाओं की आवाज बने प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने अनशन के माध्यम से बिहार के युवाओं और परीक्षार्थियों की आवाज उठाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल परीक्षा रद्द कराने की नहीं, बल्कि पूरे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार की मांग है।
प्रदर्शनकारियों का समर्थन
प्रशांत किशोर के समर्थन में कई छात्रों और युवाओं ने प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि बीपीएससी की परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियों से युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
पुलिस और प्रशासन की सफाई
पटना जिला प्रशासन का कहना है कि प्रशांत किशोर की बिगड़ती सेहत को देखते हुए उन्हें जबरन अनशन से हटाया गया। प्रशासन के अनुसार, यह कदम उनकी जान बचाने के लिए उठाया गया।
आगे की रणनीति
गिरफ्तारी और इलाज के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि वे इस लड़ाई को यहीं खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने दोहराया कि बिहार में युवाओं के अधिकारों और परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी ने बिहार में शिक्षा और परीक्षा प्रणाली की खामियों को एक बार फिर उजागर किया है। युवाओं के भविष्य के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना प्रशासन और सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।

