
Jaipur Tanker Explosion: जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह हुए एक भीषण टैंकर ब्लास्ट में मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। इस दुर्घटना में 35 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से 28 लोग गंभीर रूप से जल गए हैं और उनकी जलन 80 प्रतिशत तक बताई जा रही है। कई लोग वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। यह दुर्घटना इतनी भयावह थी कि कई शवों की पहचान भी नहीं हो पा रही है।
घटना के बारे में जानकारी
यह घटना भांकरोटा अजमेर रोड पर हुई, जहां एक एलपीजी गैस टैंकर ट्रक से टकरा गया। टकराने के बाद टैंकर में भयंकर विस्फोट हुआ, जिससे आग की लपटें दूर-दूर तक फैल गईं। विस्फोट इतना भीषण था कि आसपास के इलाके में करीब डेढ़ किलोमीटर तक आग फैल गई। कई वाहनों ने विस्फोट की चपेट में आकर आग पकड़ी।

शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट
घटना के बाद कुछ शवों की पहचान करना मुश्किल हो गया, जिसके कारण सरकार ने शवों की डीएनए जांच कराने का निर्णय लिया। मृतकों के डीएनए नमूने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भेजे गए हैं ताकि उनकी पहचान हो सके।

40 वाहन हुए प्रभावित
शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे हुई इस दुर्घटना में LPG गैस टैंकर ने ट्रक से टक्कर ली थी। टक्कर के कारण गैस टैंकर में विस्फोट हो गया और आग की लपटें आसपास के इलाके में फैल गईं। दुर्घटना में 40 वाहन प्रभावित हुए, जिनमें कई वाहन आग में जल गए। इस घटना में 14 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
सौभाग्य से गैस सिलेंडर नहीं फटे
गैस टैंकर के ट्रक से टकराने के बाद कई वाहन एक-दूसरे से टकराए। इस दौरान एक वाहन ट्रक में गैस सिलेंडर भरे हुए थे, लेकिन यह सौभाग्य रहा कि सिलेंडर नहीं फटे। अगर ऐसा हुआ होता तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।
इसके अलावा एक अन्य ट्रक में कपड़े भरे हुए थे, जो आग की चपेट में आ गए और जलने लगे। एक ट्रक में माचिस की तीलियां भरी थीं, जो गिरने के बाद तेजी से जलने लगीं। इस दुर्घटना के बाद करीब दो किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी गई। इसके अलावा आसपास के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मैं इस घटना से गहरे दुखी हूं और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मैं घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की, जबकि घायल लोगों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
घायलों का इलाज जारी
घायलों को सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि 28 घायलों को 80 प्रतिशत जलन का सामना करना पड़ा है, और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। बाकी घायलों का इलाज भी जारी है और उन्हें भी गंभीर चोटें आई हैं।
आग बुझाने के लिए कई घंटों तक प्रयास
दुर्घटना के बाद मौके पर आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की कई टीमें भेजी गईं। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उन्हें बुझाने में कई घंटे लग गए। दमकल कर्मियों ने जोखिम उठाते हुए आग पर काबू पाया और इलाके को सुरक्षित किया।
स्थानीय लोगों का रिएक्शन
स्थानीय निवासियों ने इस दुर्घटना को एक बहुत बड़ी त्रासदी बताया। कई लोग इस घटना के बाद सदमे में हैं और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि इस तरह की भीषण दुर्घटना कैसे हो सकती है। कुछ स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि हाईवे पर सुरक्षा उपायों की कमी है, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं होती हैं।
सरकार की ओर से राहत कार्य जारी
घटना के बाद राज्य सरकार ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। मृतकों के परिवारों को मदद पहुंचाने के लिए प्रशासन ने राहत शिविरों का आयोजन किया है। साथ ही घायलों का इलाज मुफ्त में किया जा रहा है और अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है।
आगे की जांच और कार्रवाई
राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हादसे की पूरी जांच की जाएगी और इसके कारणों का पता लगाया जाएगा। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित सुरक्षा उपाय किए जाएं।
जयपुर के इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। 14 लोगों की मौत और 35 से अधिक घायल होना एक बहुत बड़ी त्रासदी है। हालांकि सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है, लेकिन यह घटना इस बात का संकेत है कि हमें सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

