
वर्तमान संसद के शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक बड़ा विवाद देखने को मिला। विपक्ष गृह मंत्री Amit Shah के अंबेडकर को लेकर बयान पर हमला कर रहा है, जो उन्होंने राज्यसभा में दिया था। इसी विवाद के चलते आज विपक्ष ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया, और इस दौरान राहुल गांधी को नीली टी-शर्ट में और प्रियंका गांधी को नीली साड़ी में देखा गया। नीला रंग दलितों के प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है।
प्रियंका गांधी ने किया अपमान का आरोप
प्रियंका गांधी ने इस दौरान समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “जैसे उन्होंने बाबा साहेब का संसद में अपमान किया, देखिए उनके ट्विटर हैंडल को इस सुबह, उन्होंने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ खिलवाड़ किया। यह वही मानसिकता है जो बाबा साहेब की मूर्तियों के हाथ और पैर काटती है। कौन इन्हें विश्वास करेगा?” प्रियंका ने आगे कहा, “वे कहते हैं कि वे आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहते, संविधान को बदलना नहीं चाहते, लेकिन वे क्या कर रहे हैं? इन्हें सम्मान का कोई एहसास नहीं है। ये संविधान निर्माता हैं, और आप उनके बारे में ऐसा कह रहे हैं?”

किस प्रकार शुरू हुआ यह विवाद?
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब गृह मंत्री अमित शाह ने अपने राज्यसभा संबोधन में कांग्रेस पर डॉ. अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। शाह के संबोधन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद कांग्रेस ने इस पर विरोध जताना शुरू किया। कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे ने यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग की। कांग्रेस का आरोप था कि शाह ने अंबेडकर का अपमान किया है।

अमित शाह ने दी सफाई
इसके बाद, बुधवार को Amit Shah ने इन आरोपों पर सफाई दी और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। Amit Shah ने कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और कांग्रेस को उनका पूरा बयान सार्वजनिक करना चाहिए। शाह ने कहा, “कांग्रेस ने मेरे बयान को विकृत कर दिया और उसका बहुत छोटा हिस्सा जनता के सामने पेश किया, जिससे भ्रम फैलाया गया। यह कांग्रेस की पुरानी आदत है, जो तथ्यों को विकृत कर समाज में झूठ फैलाने का काम करती है।”
अमित शाह का बयान
शाह ने कहा, “मेरे बयान का संदर्भ यह था कि कांग्रेस ने अंबेडकर के योगदान को नजरअंदाज किया और उनका अपमान किया। मैंने किसी को व्यक्तिगत रूप से निशाना नहीं बनाया, बल्कि यह बताया कि कांग्रेस ने अंबेडकर के महत्व को नकारा है।” शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह उनका तरीका है कि वह हमेशा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और समाज में भ्रम फैलाने का काम करते हैं।
प्रियंका गांधी का आरोप और विरोध
प्रियंका गांधी ने अमित शाह के बयान के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनकी ओर से अंबेडकर के प्रति असम्मान था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा अंबेडकर के योगदान को नकारने की कोशिश की जा रही है, जो दलित समुदाय के लिए एक गंभीर अपमान है। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार संविधान और अंबेडकर के योगदान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जो देश की धर्मनिरपेक्षता और समानता की नींव है।
इस विवाद ने संसद में एक नए विवाद को जन्म दिया है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। जबकि विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर आलोचना कर रहा है, शाह ने खुद अपनी बात को स्पष्ट किया है और कांग्रेस पर तथ्यों को विकृत करने का आरोप लगाया है। यह मामला अब संसद में चर्चा का विषय बन चुका है और आगे आने वाले समय में इसका असर राजनीतिक माहौल पर पड़ सकता है।

