
Atul Subhash: बेंगलुरु के एक ए.आई. इंजीनियर, अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में बेंगलुरु पुलिस ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस ने अतुल की पत्नी और उनके ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने पत्नी और ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की

अतुल के भाई विकास कुमार की शिकायत पर मारठाहल्ली पुलिस ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार के चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 108 और बीएनएस की धारा 3(5) के तहत दर्ज किया गया है। जिन चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया शामिल हैं।

मारठाहल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है, और इस मामले को लेकर कई तथ्यों की पुष्टि की जा रही है।
24-पन्नों की सुसाइड नोट में लगाए गए गंभीर आरोप
आत्महत्या करने से पहले, अतुल ने एक वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट में अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके ससुराल वालों ने उन्हें और उनके परिवार को कानून का दुरुपयोग करते हुए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। अतुल ने वीडियो में यह भी कहा था, “मेरे अस्थि कलश को तब तक न बहाया जाए जब तक उन लोगों को सजा नहीं मिलती जिन्होंने मुझे प्रताड़ित किया।”
Bengaluru | Atul Subhash suicide case | Marathahalli police register an FIR on the complaint filed by Atul's brother Bikas Kumar against 4 people including Atul's wife Nikita Singhania, under sections 108 and 3(5) of the BNS.
The FIR has been filed against Nikita Singhania, her…
— ANI (@ANI) December 11, 2024
अतुल ने अपनी पीड़ा एक बोर्ड के माध्यम से व्यक्त की
पुलिस के मुताबिक, अतुल ने अपने घर में एक बोर्ड पर लिखा था, “न्याय होना चाहिए।” यह बोर्ड उनकी पीड़ा और न्याय की मांग को दर्शाता था। आत्महत्या से पहले, उन्होंने एक अलमारी पर कुछ महत्वपूर्ण विवरण चिपकाए थे। इनमें उनका डेथ नोट, कार की चाबी, किए गए कामों की सूची और बाकी कामों की जानकारी शामिल थी। यह विवरण यह साबित करने के लिए था कि उनकी आत्महत्या के पीछे किसी कारण का होना था, और यह भी कि वह न्याय की तलाश कर रहे थे।
पुलिस की जांच में क्या सामने आ रहा है?
मारठाहल्ली पुलिस अब मामले की गहरी जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब तक की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले कई बार अपने परिवार और ससुराल वालों से न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी परेशानियों का समाधान नहीं हुआ। अतुल की आत्महत्या ने उनके परिवार और ससुराल वालों के बीच रिश्तों के जटिल पहलुओं को उजागर किया है।
पुलिस अब इस मामले में सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है, और यह देख रही है कि कहीं किसी प्रकार का मानसिक उत्पीड़न तो नहीं हुआ, जिससे अतुल को आत्महत्या के कदम तक पहुंचने के लिए मजबूर किया गया।

