
Jan Dhan Account: भारत सरकार ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित जानकारी दी है, जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), एंटी-डंपिंग जांच, कृषि स्टार्टअप्स को सहायता और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPAs) की स्थिति शामिल हैं। ये पहलें देश की आर्थिक संरचना को मजबूत करने और विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की जा रही हैं। आइए जानते हैं इन मुद्दों से संबंधित ताजातरीन जानकारी।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खाता खोलने की स्थिति:
प्रधानमंत्री जन धन योजना, जो वित्तीय समावेशन के तहत गरीबों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, अब तक 54.03 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। लेकिन एक चिंता का विषय यह है कि इनमें से 11.30 करोड़ खाते निष्क्रिय हो चुके हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस जानकारी को राज्य सभा में एक लिखित जवाब में साझा किया। 20 नवंबर 2024 तक इन निष्क्रिय खातों में कुल 14,750 करोड़ रुपये जमा हैं।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि किसी खाता धारक ने अपने खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई लेन-देन नहीं किया हो, तो उस खाते को निष्क्रिय मान लिया जाता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निष्क्रिय जन धन खातों का प्रतिशत मार्च 2017 में 39.62% था, जो नवंबर 2024 तक घटकर 20.91% हो गया है। यह सकारात्मक बदलाव देश में वित्तीय समावेशन की दिशा में किए गए प्रयासों की सफलता का संकेत है।

एंटी-डंपिंग जांच के आंकड़े:
भारत सरकार ने विदेशी देशों से सस्ते सामानों के भारतीय उत्पादों पर बुरी तरह असर डालने से बचाने के लिए 2024 में 43 एंटी-डंपिंग जांचें शुरू की हैं। यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में दी। इन जांचों का उद्देश्य चीन, रूस, ताइवान और जापान जैसे देशों से भारतीय उत्पादों पर हो रहे अनुचित आयात से भारतीय उद्योगों की रक्षा करना है।
एंटी-डंपिंग जांचों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय उद्योगों को असंगत तरीके से सस्ते विदेशी उत्पादों से नुकसान न हो। सरकार इस प्रकार के उपायों के माध्यम से घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और उन्हें वैश्विक बाजार में टिकाऊ बनाने की कोशिश कर रही है।
कृषि स्टार्टअप्स को 122.50 करोड़ रुपये की सहायता:
कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। कृषि राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कृषि स्टार्टअप्स को 122.50 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। यह सहायता ‘राष्ट्रिय कृषी विकास योजना’ (RKVY) के तहत ‘इनोवेशन एंड एग्रीकल्चरल एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम’ के माध्यम से दी गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
सरकार किसानों को न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें तकनीकी समर्थन भी देती है, ताकि वे अपने स्टार्टअप्स को सफल बना सकें और कृषि क्षेत्र में नए विचारों को लागू कर सकें।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्तियों) की स्थिति:
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में यह जानकारी दी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPAs) का आंकड़ा 3.16 लाख करोड़ रुपये है, जो उनके कुल उधारी का 3.09 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों का कुल सकल एनपीए 3,16,331 करोड़ रुपये और 1,34,339 करोड़ रुपये है, respectivamente।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि 580 व्यक्तियों को ‘इच्छाशक्ति से डिफॉल्टर’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिनके उधारी 50 करोड़ रुपये से अधिक हैं। सरकार लगातार एनपीए को घटाने के लिए कदम उठा रही है और बैंकों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कई उपायों पर काम कर रही है।
सरकार की पहल:
इन आंकड़ों और पहलों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सरकार देश की आर्थिक संरचना को मजबूती देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से लाखों भारतीयों को वित्तीय समावेशन की दिशा में बड़ी सफलता मिली है, हालांकि निष्क्रिय खातों का मुद्दा अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। एंटी-डंपिंग जांचों के माध्यम से सरकार भारतीय उद्योगों की रक्षा करने की कोशिश कर रही है, वहीं कृषि स्टार्टअप्स को दी गई सहायता से कृषि क्षेत्र में नवाचार और सुधार को बढ़ावा मिल रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एनपीए की स्थिति एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, लेकिन सरकार इस दिशा में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन पहलुओं के माध्यम से सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाना चाहती है, ताकि देश तेजी से विकास की ओर बढ़ सके।
प्रधानमंत्री जन धन योजना, एंटी-डंपिंग जांच, कृषि स्टार्टअप्स को सहायता और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एनपीए की स्थिति ये सभी महत्वपूर्ण पहलें भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा हैं। इन कदमों से न केवल घरेलू उद्योगों को संरक्षण मिलेगा, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी, जिससे भारत वैश्विक मंच पर और भी ताकतवर बन सकेगा।

