
Bangladesh के चट्टग्राम में शुक्रवार को एक हिंसक भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों को निशाना बनाते हुए बवाल मचाया। इस हमले के बाद बांगलादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों और असुरक्षा की स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही है। चट्टग्राम के हरिश्चंद्र मंसेफ लेन में स्थित शान्तनेश्वर मात्री मंदिर, शनि मंदिर और शान्तनेश्वर कालीबाड़ी मंदिर पर पथराव किया गया, जिससे इन मंदिरों के द्वारों को नुकसान पहुंचा। यह हमला एक सशस्त्र भीड़ द्वारा किया गया था, जिन्होंने मुस्लिम विरोधी और आईएसकेON के खिलाफ नारे लगाते हुए मंदिरों पर हमला किया।
बांगलादेश में हिंदू मंदिरों पर हमलों का सिलसिला
बांगलादेश में हाल के दिनों में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और हमले बढ़े हैं। यह घटना तब हुई जब पूर्व ISKCON सदस्य चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद, बांगलादेश सरकार ने 17 व्यक्तियों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज़ कर दिया, जिनमें चिन्मय कृष्ण दास भी शामिल हैं। यह मामला और उसके बाद की हिंसा ने बांगलादेश में धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों को उजागर किया है।

भारत सरकार ने बांगलादेश में हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को गंभीरता से लिया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि भारत बांगलादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को लेकर चिंतित है। भारत ने बांगलादेश सरकार के साथ इन घटनाओं को लेकर गंभीर बातचीत की है और बांगलादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

ISKCON और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की चिंता
विदेश मंत्रालय ने ISKCON को एक सामाजिक सेवा संगठन बताया और आशा जताई कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनके कानूनी अधिकारों का पूरी तरह से सम्मान किया जाएगा। बांगलादेश में इस समय धार्मिक और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है, जिसमें अल्पसंख्यकों को शिकार बनाया जा रहा है। चट्टग्राम में मंदिरों पर हमले के बाद, स्थानीय लोगों का कहना था कि सैकड़ों लोगों ने हंगामा किया और नारे लगाते हुए मंदिरों पर पथराव किया। ताप्तन दास, जो शान्तनेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के स्थायी सदस्य हैं, ने कहा कि शुक्रवार की नमाज के बाद, एक भीड़ ने मंदिरों पर हमला किया और हिंसा फैलाने की कोशिश की।
भारत की स्थिति
भारत सरकार ने बांगलादेश सरकार से इस हिंसा की कड़ी निंदा की और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने की अपील की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है और बांगलादेश सरकार के साथ इसे लेकर संवाद किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस बात की उम्मीद करता है कि बांगलादेश सरकार हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और उन पर होने वाले हमलों को रोकेगी।
अमेरिका और ब्रिटेन की प्रतिक्रिया
इस हिंसा पर दुनिया भर में प्रतिक्रिया हो रही है। अमेरिका के पूर्व कमिश्नर जानी मूर ने बांगलादेश की अंतरिम सरकार पर आरोप लगाया कि वह हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि इस समय बांगलादेश में किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय को सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा है और यह एक अस्तित्व संकट बन गया है।
इसी तरह, ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने भी ब्रिटिश संसद में यह मुद्दा उठाया और कहा कि बांगलादेश में हिंदू समुदाय की हत्या हो रही है, उनके मंदिर जलाए जा रहे हैं, और उनके धार्मिक नेता गिरफ्तार हो रहे हैं। उन्होंने बांगलादेश के इस हमले को सीधा हिंदू समुदाय पर हमला बताया और ब्रिटिश सरकार से इस मामले में दखल देने की अपील की।
बांगलादेश में कूटनीतिक तनाव
बांगलादेश में हुई हिंसा और विरोध प्रदर्शन के बाद, बांगलादेश ने भारत से अनुरोध किया है कि वह अपने देश में बांगलादेशी उच्चायोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। बांगलादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोलकाता में उनके उप उच्चायोग के बाहर हुई हिंसा को लेकर बांगलादेश सरकार चिंतित है। उन्होंने भारत से यह भी अनुरोध किया है कि वह इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए।
बांगलादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की बढ़ती घटनाएं न केवल उस देश के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। इन घटनाओं ने धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा दिया है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। भारत ने बांगलादेश सरकार से इन घटनाओं की जांच की अपील की है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। अब देखना यह है कि बांगलादेश सरकार इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या वह अपने अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाती है।

