
Udit Raj On Sambhal Jama Masjid: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद ने हाल के दिनों में पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है। मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि विरोध प्रदर्शन, आगजनी और पत्थरबाजी जैसे घटनाएं सामने आईं। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदीत राज ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस तरह के सर्वेक्षणों को लेकर तीखी आलोचना की और इसे एक गलत प्रवृत्ति बताया।
उदीत राज का बयान
उदीत राज ने समाचार एजेंसी एएनआई के माध्यम से कहा, “यह प्रवृत्ति बहुत गलत है और इसे बंद होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए। उनके अनुसार, जिला अदालतों द्वारा इस तरह के सर्वेक्षणों के आदेश देना सही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो देशभर में इसी तरह खुदाई का काम चलता रहेगा।”

सर्वेक्षण का काम पूरा
संभल की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कार्य हाल ही में पूरा किया गया। यह सर्वेक्षण एक अदालत के आदेश पर किया गया था। सर्वेक्षण की रिपोर्ट 29 नवंबर के बाद अदालत में प्रस्तुत की जाएगी। इस दौरान, स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हुआ, जिसमें पत्थरबाजी और आगजनी जैसी घटनाएं सामने आईं।

प्रशासन की कार्रवाई
यूपी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने इस मामले में कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पत्थरबाजी करने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय विरोध और मस्जिद पक्ष की अपील
सर्वेक्षण टीम ने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे पत्थरबाजी बंद करें और सहयोग करें। इसके बावजूद, सर्वेक्षण के दौरान माहौल काफी तनावपूर्ण रहा।
हिंदू पक्ष का दावा
इस विवाद की जड़ में हिंदू पक्ष का वह दावा है, जिसमें कहा गया है कि जामा मस्जिद के स्थान पर पहले हरिहर मंदिर था। इस दावे के आधार पर एक याचिका अदालत में दाखिल की गई, जिसके बाद अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया।
उदीत राज ने जताई चिंता
उदीत राज ने कहा कि इस तरह के विवादों से सामाजिक ताने-बाने पर असर पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रकार के सर्वेक्षण और विवाद देश के लिए घातक साबित हो सकते हैं। उनके अनुसार, “यह अदालतों का काम नहीं है कि वे इस तरह के विवादों को बढ़ावा दें।”
पत्थरबाजी और तनाव का माहौल
इस विवाद के चलते संभल में तनाव का माहौल बन गया है। हालांकि, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। पत्थरबाजी करने वालों की पहचान कर उन्हें दंडित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
धार्मिक स्थलों पर विवाद: एक व्यापक समस्या
संभल की जामा मस्जिद का यह विवाद कोई नई बात नहीं है। देश में कई धार्मिक स्थलों को लेकर इस तरह के विवाद समय-समय पर उभरते रहते हैं। यह विवाद न केवल सांप्रदायिक सौहार्द्र को प्रभावित करता है, बल्कि विकास के मुद्दों से ध्यान भी भटकाता है।
समाधान की आवश्यकता
इस विवाद का समाधान तभी संभव है जब दोनों पक्ष संयम और सहिष्णुता का परिचय दें। सरकार और प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस प्रकार के विवाद देश के समग्र विकास को बाधित न करें।
संभल की जामा मस्जिद विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धार्मिक स्थलों को लेकर विवादों का अंत कैसे होगा। उदीत राज जैसे नेताओं का यह बयान कि “यह प्रवृत्ति गलत है और इसे रोका जाना चाहिए,” इस बात की ओर संकेत करता है कि अब समय आ गया है जब इस तरह के मुद्दों पर समाज को एकजुट होकर समाधान खोजना होगा।

