PM Modi: सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद अनिल बलूनी के आवास पर उत्तराखंड के प्रसिद्ध ‘इगास बगवाल’ उत्सव की धूमधाम से मनाया। यह पर्व दीपावली के 11 दिन बाद उत्तराखंड में मनाया जाता है और इसे ‘बूढ़ी दीवाली’ भी कहा जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के लोगों और देशवासियों को शुभकामनाएं दी और उनके जीवन में खुशहाली, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस उत्सव के बारे में ट्वीट करते हुए कहा, “इगास पर्व के अवसर पर उत्तराखंड के सभी परिवारों और देशवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे दिल्ली में उत्तराखंड लोकसभा सांसद अनिल बलूनी जी के आवास पर इस उत्सव को मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं कामना करता हूं कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशहाली, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य लेकर आए।”
प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक उत्तराखंडी टोपी में नजर आना
इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी पहनकर सांस्कृतिक सम्मान का परिचय दिया। प्रधानमंत्री का यह कदम उत्तराखंड के लोगों में गर्व की भावना को जागृत करने वाला था। बलूनी के आवास पर संतों और समाज के अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने तुलसी पूजा की, इगास की ज्योति प्रज्वलित की और अर्चना की, साथ ही देशवासियों के लिए समृद्धि की कामना की।
इगास बगवाल का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
इगास बगवाल उत्सव उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक विश्वासों का प्रतीक है। इस दिन देवी नंदा देवी की पूजा होती है, जिन्हें कृषि, उर्वरता और समृद्धि की देवी माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण होता है, जहां लोग इस दिन की खुशी अपने परिवार और समाज के साथ साझा करते हैं। इस दिन पर लोग पारंपरिक पकवान “छैणसू” और “रास” बनाते हैं और गाने-बजाने के साथ इस दिन का जश्न मनाते हैं, जो उत्सव की खूबसूरती को और बढ़ाता है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शुभकामनाएं
इगास और बूढ़ी दीवाली के इस पर्व पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी राज्यवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा, “देवभूमि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक इगास-बूढ़ी दीवाली के इस पर्व पर राज्यवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि इस पर्व की रोशनी सभी के जीवन में खुशहाली और उत्साह लाए। हम सभी इस इगास पर अपनी परंपराओं के प्रति विश्वास, प्रेम और समर्पण का संकल्प लें।”
प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति ने इगास बगवाल को दी नई पहचान
प्रधानमंत्री मोदी की इस उत्सव में भागीदारी उत्तराखंड के लोगों के लिए गर्व का विषय है। प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति और विभिन्न राज्यों की परंपराओं के प्रति सम्मान दिखाते हुए उत्तराखंडी परिधान पहना और पूजा-अर्चना में भाग लिया। यह प्रयास न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी विभिन्न राज्यों के त्योहारों में भाग लिया है और उनकी समृद्ध परंपराओं को बढ़ावा दिया है, जिससे देश में सांस्कृतिक एकता को मजबूत किया गया है।
उत्तराखंड की परंपराओं को मिल रही नई पहचान
हाल के वर्षों में, उत्तराखंड के इगास बगवाल जैसे त्योहारों को पूरे देश में नई पहचान मिल रही है। राज्य सरकार और स्थानीय समुदाय इस त्योहार के महत्व को बनाए रखने और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। ऐसे त्योहार न केवल समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों के लोगों को भी उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति ने इगास को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर की महत्ता और बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश – सभी त्योहारों का सम्मान करें
इगास बगवाल के इस विशेष कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को सभी त्योहारों का सम्मान करने और उनकी परंपराओं को संजोने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के त्योहार हमारी संस्कृति की जड़ों को मजबूत करते हैं और राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इगास के माध्यम से देशवासियों से आग्रह किया कि वे सभी त्योहारों का सम्मान करें और उन्हें जीवित रखें।
भारतीय संस्कृति की विविधता का उत्सव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के इगास बगवाल उत्सव में भाग लेकर राज्य की संस्कृति और परंपराओं का सम्मान किया। उन्होंने अपने संदेश में सभी देशवासियों से अपील की कि वे इस त्योहार के महत्व को समझें और देश के सभी त्योहारों का सम्मान करें। उत्तराखंड जैसे त्योहारों को बढ़ावा देकर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को एकता और संस्कृति की महत्ता समझाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने इगास बगवाल उत्सव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और राज्य की परंपराओं को पूरे देश में सम्मान दिलाया।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का बढ़ता महत्व
प्रधानमंत्री मोदी की इगास बगवाल उत्सव में भागीदारी न केवल उत्तराखंड के लोगों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की विविधता का प्रतीक भी है। उनके इस प्रयास ने उत्तराखंड की परंपराओं को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम राज्य की संस्कृति और धरोहर को मजबूत करने में सहायक है, और अब यह उत्सव उत्तराखंड के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में इगास बगवाल उत्सव में भाग लेकर उत्तराखंड के प्रसिद्ध त्योहार को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दी। पारंपरिक परिधान पहनने और पूजा-अर्चना में भाग लेने के साथ उन्होंने उत्तराखंड के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से त्योहारों का सम्मान करने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति ने न केवल उत्तराखंड के इस त्योहार को राष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिलाया, बल्कि देश की सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत किया।