Jammu Kashmir Assembly News: जम्मू कश्मीर विधानसभा में गुरुवार (7 नवंबर 2024) को धारा 370 को लेकर एक बड़ा हंगामा हुआ। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान धारा 370 को पुनः लागू करने की मांग को लेकर भारी बवाल हुआ, जिसमें पोस्टर भी फटे और विधायक आपस में भिड़ गए। विधानसभा की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित किया गया, लेकिन फिर से कामकाजी समय के बाद भी बीजेपी विधायकों के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। यह घटनाक्रम जम्मू कश्मीर की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर रहा है।
विधानसभा में हंगामे की शुरुआत
लंगेट के विधायक शेख खुरशीद धारा 370 को फिर से लागू करने की मांग के पोस्टर के साथ विधानसभा पहुंचे। जैसे ही बीजेपी के विधायकों ने यह पोस्टर देखा, वे भड़क गए और शेख खुरशीद से यह पोस्टर छीन लिया। इसके बाद बीजेपी और विपक्षी पार्टी के विधायकों के बीच जमकर मारपीट और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। बीजेपी के विधायकों ने शेख खुरशीद का पोस्टर छीनकर फाड़ दिया, जिससे हंगामा और भी बढ़ गया। यह घटनाक्रम इतनी तीव्रता से हुआ कि विधानसभा में शोर-शराबा होने लगा और कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
बीजेपी का आरोप: नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर हमला
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविंद्र रैना ने इस घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि धारा 370 अब जम्मू कश्मीर के इतिहास का हिस्सा बन चुकी है। रैना ने कहा कि ओमर अब्दुल्ला की सरकार पाकिस्तान को प्रोत्साहित कर रही थी। उनके अनुसार, धारा 370 ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, अलगाववाद और पाकिस्तान समर्थित मानसिकता को जन्म दिया। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये पार्टियाँ फिर से जम्मू कश्मीर की स्थिति को बिगाड़ना चाहती हैं और भारत माता के खिलाफ काम कर रही हैं। रैना ने कहा कि धारा 370 को विधानसभा में इस तरह असंवैधानिक तरीके से लाना और उसे चोरी-छिपे पेश करना यह दर्शाता है कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस इस मुद्दे को फिर से उभारने की कोशिश कर रहे हैं।
हंगामे के बाद की कार्यवाही
हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो बीजेपी विधायकों का विरोध जारी रहा। विपक्षी विधायक शेख खुरशीद ने धारा 370 के समर्थन में नारे लगाए और फिर से पोस्टर को विधानसभा में लहराया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। विधानसभा अध्यक्ष को इसे नियंत्रित करने के लिए मार्शल की मदद लेनी पड़ी। फिर से स्थिति सामान्य होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
शेख खुरशीद का पोस्टर और उनकी प्रतिक्रिया
लंगेट के विधायक शेख खुरशीद, जो कि इंजीनियर राशिद के छोटे भाई हैं, ने धारा 370 को फिर से लागू करने के लिए पोस्टर लेकर विधानसभा में प्रवेश किया। शेख खुरशीद ने अपनी इस कार्यवाही के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की कि धारा 370 को फिर से लागू किया जाए। इस पर बीजेपी विधायक आक्रोशित हो गए और शेख खुरशीद से पोस्टर छीन लिया। खुरशीद ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कृत्य लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है। उनका कहना था कि उन्हें डर नहीं है और वह हमेशा इस मुद्दे पर आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक जम्मू कश्मीर में धारा 370 की बहाली नहीं होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
बीजेपी और विपक्षी दलों का संघर्ष
बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच यह संघर्ष केवल व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा था। बीजेपी के नेताओं का मानना था कि धारा 370 का हटाना जम्मू कश्मीर के विकास के लिए एक जरूरी कदम था, जबकि विपक्षी दलों का कहना था कि धारा 370 जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति का प्रतीक था और इसे हटाने से राज्य की पहचान और स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है।
बीजेपी के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह असंवैधानिक कृत्य है और इससे जम्मू कश्मीर में शांति की स्थिति को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के खिलाफ जोरदार बयान दिया और उन्हें दोषी ठहराया।
हंगामा और विधानसभा का स्थगन
घटनाक्रम के बाद, विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे के कारण कार्यवाही को स्थगित कर दिया। यह निर्णय विधानसभा की कार्यवाही को स्थिर बनाए रखने के लिए लिया गया। पूरे दिन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद यह साफ हो गया कि यह मुद्दा सिर्फ विधानसभा में ही नहीं, बल्कि पूरे जम्मू कश्मीर में एक बड़ा विवाद बन चुका है। इसके बाद से ही विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है और यह विवाद लगातार बढ़ रहा है।
शेख खुरशीद और उनकी भूमिका
शेख खुरशीद की भूमिका इस पूरे घटनाक्रम में महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने विधानसभा में धारा 370 को फिर से लागू करने की मांग को लेकर एक बड़े विवाद को जन्म दिया। उनकी यह कोशिश यह दर्शाती है कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 को लेकर राजनीति अब भी गरम है और यह मुद्दा अब भी लोगों के दिलों में जीवित है। शेख खुरशीद का यह कदम यह बताता है कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में इस मुद्दे पर बहस और संघर्ष लंबे समय तक जारी रहेगा।