
PM Modi Cabinet: भारत सरकार ने 34,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन’ को मंजूरी दे दी है। इस मिशन का उद्देश्य देश में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, खनन और प्रसंस्करण के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस मिशन के शुभारंभ को मंजूरी दी, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन से देश में क्लीन एनर्जी, उन्नत उद्योगों और रक्षा क्षेत्रों में आवश्यक खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन का उद्देश्य
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन का मुख्य उद्देश्य देश में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, खनन और प्रोसेसिंग की प्रक्रिया को व्यवस्थित और सक्षम बनाना है। इस मिशन का उद्देश्य उन खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है जो क्लीन एनर्जी, उच्च तकनीकी उद्योगों और रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें देश के भीतर और समुद्र तटों के पास खनिजों की खोज और उनकी प्रोसेसिंग शामिल है।

किसानों के लिए बड़े ऐलान
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस मिशन के माध्यम से देश के किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण ऐलान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गन्ने के खेतों से तीन प्रमुख चीजें निकलती हैं—सी हेवी मोलेसेस, बी हेवी मोलेसेस और गन्ने का रस। इन तीनों का उपयोग इथेनॉल बनाने में किया जाता है, जिससे पर्यावरण को फायदा होता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन चीजों की खरीद मूल्य को बढ़ाया गया है, ताकि किसान अधिक लाभ कमा सकें। कैबिनेट ने ‘सी’ श्रेणी के शीरा से बने एथनॉल की कीमत को 56.28 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को मंजूरी दी।

निवेश और वित्तीय मदद
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के तहत, 16,300 करोड़ रुपये का सरकारी खर्च और 18,000 करोड़ रुपये का निवेश पब्लिक अंडरटेकिंग और निजी क्षेत्र से लाने की योजना बनाई गई है। इस मिशन के तहत मिनरल परियोजनाओं के लिए फास्ट ट्रैक रेगुलेरिटी अप्रूवल की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा और इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय मदद भी प्रदान की जाएगी। यह मिशन देश के खनिज क्षेत्रों को और अधिक सशक्त बनाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेगा।
विदेशी खनिज संपत्ति का अधिग्रहण
इस मिशन का एक और प्रमुख पहलू यह है कि यह भारतीय पब्लिक अंडरटेकिंग और निजी कंपनियों को विदेशों में खनिज संपत्ति हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारत को आवश्यक खनिजों की आपूर्ति बाधित नहीं हो और देश की जरूरतों को पूरा किया जा सके। साथ ही, यह मिशन मिनरल प्रोसेसिंग पार्कों की स्थापना और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देगा, जिससे खनिज संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सकेगा।
मिशन का आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन से न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा। इथेनॉल उत्पादन से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। इसके अलावा, खनिजों के उपयोग से संबंधित उद्योगों में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, जो देश के विकास में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन के शुभारंभ पर कहा कि यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस मिशन के जरिए भारत को अपने खनिज संसाधनों के अधिकतम उपयोग के साथ-साथ विदेशों से भी जरूरी खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन से रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जो विशेष रूप से युवाओं के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
भारत की खनिज नीति को नया आकार
इस मिशन के तहत भारत की खनिज नीति को नया आकार दिया जाएगा। जहां पहले खनिज संसाधनों का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पा रहा था, वहीं अब यह मिशन सुनिश्चित करेगा कि खनिजों की खोज, खनन और प्रोसेसिंग में पारदर्शिता और दक्षता हो। इसके साथ ही, यह मिशन देश के खनिज क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में और भी मजबूती आएगी।
किसानों और ग्रामीणों के लिए फायदे
इस मिशन का एक प्रमुख उद्देश्य यह है कि किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को इसके लाभ का पूरा फायदा मिले। गन्ने के खेतों से निकलने वाली चीजों का उपयोग इथेनॉल उत्पादन में किया जाएगा, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी। इसके अलावा, खनिज उद्योग में आने वाले निवेश से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे, जो ग्रामीण इलाकों के विकास में मदद करेगा।
मिशन के लिए सरकारी समर्थन
भारत सरकार ने इस मिशन के लिए सरकारी खर्च को मंजूरी दी है और इसे सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन का शुभारंभ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। यह मिशन न केवल खनिज संसाधनों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करेगा, बल्कि किसानों और स्थानीय लोगों के लिए भी नए अवसर पैदा करेगा। इस मिशन से भारत को अपनी खनिज जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और साथ ही पर्यावरण की रक्षा भी होगी।

