
Pushpak Express Incident: महाराष्ट्र के जलगांव जिले में 22 जनवरी 2025 को एक दर्दनाक ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। यह घटना बुधवार शाम करीब 5 बजे के आसपास हुई। प्रशासन के अनुसार, इस हादसे का कारण ट्रेन में आग की अफवाह फैलना था, जिसके कारण यात्रियों ने चैन खींचकर ट्रेन से कूदना शुरू कर दिया। इन घबराए हुए यात्रियों ने दूसरी ट्रेन के आ जाने के बाद दूसरी पटरी पर कूदने की कोशिश की, जिसके कारण हादसा हुआ।
लेकिन प्रशासन के इस बयान के बाद अब प्रत्यक्षदर्शियों के वीडियो सामने आए हैं, जिनमें यह दावा किया गया है कि ट्रेन में वास्तव में आग लगी थी। ऐसे में प्रशासन के दावे पर सवाल उठने लगे हैं और अब मामले में कई सवाल खड़े हो गए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और वीडियो

जब हादसे की जानकारी मिली, तो कई प्रत्यक्षदर्शियों ने सामने आकर घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जैसे ही वे लोग ट्रेन से बाहर निकले, उन्होंने देखा कि ट्रेन से धुआं निकल रहा था। यह बात उन यात्रियों के लिए हैरान करने वाली थी, जो प्रशासन के बयान में यह दावा किया जा रहा था कि आग नहीं लगी थी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने तो यह सवाल उठाया कि अगर ट्रेन में आग नहीं लगी थी, तो धुआं कहां से आ गया?
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा भेजी गई तस्वीरें और वीडियो वायरल होने लगे। इनमें कुछ यात्रियों ने बताया कि चिंगारी के कारण यात्री घबराए और उन्होंने चैन खींचने की कोशिश की, जिसके बाद लोग घबराकर ट्रेन से कूद गए। यह घबराहट तब और बढ़ गई जब दूसरी ट्रेन ने उसी ट्रैक पर आकर लोगों को कुचल दिया।
रेलवे के अधिकारी की प्रारंभिक रिपोर्ट
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रारंभिक जानकारी देते हुए बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस के एक कोच में ‘हॉट एक्सल’ या ‘ब्रेक-बाइंडिंग’ के कारण चिंगारी उठी थी। अधिकारियों के अनुसार यह आग नहीं थी, लेकिन चिंगारी देखकर कुछ यात्रियों ने घबराकर चैन खींच लिया और फिर ट्रेन से कूदने लगे। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से यह लगता है कि यह चिंगारी के कारण घबराहट थी, या फिर यात्रियों ने कुछ और महसूस किया था, जिसकी वजह से उनका रिएक्शन बहुत तेज था।
हादसे के बाद की तस्वीरें और हालत
इस हादसे की तस्वीरें दिल दहला देने वाली थीं। सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें सामने आईं, उनमें कहीं किसी यात्री का कटा हुआ पैर तो कहीं हाथ दिखाई दे रहा था। कुछ शवों की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उनकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया था। हादसे के शिकार लोगों का शरीर बुरी तरह से चकनाचूर हो चुका था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह हादसा बहुत भीषण था।
यह दर्दनाक मंजर यह बताता है कि किस तरह से एक छोटे से हादसे के बाद पूरी ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई, जिससे यह दुर्घटना हुई। रेलवे प्रशासन को इस मामले में और अधिक गंभीरता से जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
दूसरी ट्रेन क्यों नहीं दिखी?
हादसे की जांच में यह भी सामने आया कि जहां ट्रेन खड़ी हुई थी, वह जगह शार्प टर्न (तीखा मोड़) था। ऐसे में कूदने वाले यात्रियों को दूसरी पटरी पर आने वाली ट्रेन का सही अनुमान नहीं हो पाया और इसी कारण दूसरी ट्रेन से टकरा गए। भुसावल डिवीजन के अधिकारियों ने बताया कि इस शार्प टर्न के कारण दूसरी ट्रेन की आवाजाही और उसकी दिशा का अनुमान यात्रियों को नहीं हो सका।
रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ट्रैक पर यह शार्प टर्न इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यात्री पहले से घबराए हुए थे और उन्हें सही समय पर जानकारी नहीं मिल पाई।
प्रशासन के दावों और सच्चाई के बीच फर्क
अब सवाल यह उठता है कि अगर ट्रेन में आग नहीं थी, तो धुआं कहां से आया? यह सवाल प्रशासन के दावों पर सवाल खड़ा करता है। यदि यह केवल चिंगारी थी, तो फिर यह कैसे संभव था कि इतनी बड़ी संख्या में लोग घबराकर ट्रेन से कूदने लगे? क्या यह अफवाह या घबराहट थी, या फिर प्रशासन को सही जानकारी नहीं मिल पाई?
इस हादसे के बाद यह जरूरी हो गया है कि रेलवे प्रशासन इस मामले की सही जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएं। वहीं, यह भी महत्वपूर्ण है कि यात्री अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें और किसी भी परिस्थिति में अफवाहों पर भरोसा न करें।
पुष्पक एक्सप्रेस हादसा एक दुखद और भयावह घटना है, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई। प्रशासन का दावा है कि यह हादसा अफवाहों के कारण हुआ, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और वीडियो कुछ और ही कहानी कहते हैं। यह एक गंभीर मामला है, और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

