
Tamil Nadu: तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के सत्तूर क्षेत्र में स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ। इस हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। दमकल और बचाव विभाग के अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है। मौके पर बचाव कार्य जारी है और जांच की जा रही है।
दमकल विभाग की तत्परता
जैसे ही विस्फोट की खबर मिली, दमकल विभाग की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। बचाव कार्य जारी है और घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस और अन्य संबंधित विभाग हादसे की विस्तृत जांच कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने लिया जायजा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हाल ही में विरुधुनगर जिले का दौरा किया था। उन्होंने पटाखा फैक्ट्री के मालिकों को सख्त सुरक्षा मानकों का पालन करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके, ऐसे हादसों पर रोक नहीं लग पा रही है।

पटाखा उद्योग और विरुधुनगर की पहचान
विरुधुनगर और खासकर शिवकाशी को तमिलनाडु का पटाखा राजधानी कहा जाता है। यहां राज्य के अधिकांश पटाखा कारखाने स्थित हैं। जिले में करीब 1,150 फैक्ट्रियां हैं, जिनमें चार लाख से अधिक मजदूर कार्यरत हैं। शिवकाशी अकेले देश की 70% पटाखा उत्पादन का केंद्र है।
2024 में 17 हादसे, 54 मौतें
2024 में अब तक विरुधुनगर जिले में पटाखा फैक्ट्रियों में 17 बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें 54 लोगों की जान गई है। इसके बावजूद सुरक्षा उपायों को लेकर फैक्ट्रियों की लापरवाही सामने आ रही है।
पहले भी हुए बड़े हादसे
इससे पहले भी विरुधुनगर जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में 14 लोगों की मौत हुई थी। पहला हादसा रंगापालयम क्षेत्र में हुआ, जहां पटाखों के सैंपल की जांच के दौरान विस्फोट हो गया था।
महिलाओं सहित 13 की मौत
एक अन्य घटना में 13 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 12 महिलाएं शामिल थीं। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मृतकों के परिजनों को 3 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी।
पुलिस कर रही जांच
पुलिस, दमकल और बचाव सेवाओं के साथ स्थानीय लोग आग बुझाने और पीड़ितों को बचाने में जुटे हुए हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि फैक्ट्रियों के पास वैध लाइसेंस था या नहीं।
अन्य घटनाएं भी आईं सामने
इस हादसे से एक दिन पहले कोयंबटूर में एक एलपीजी टैंकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे गैस रिसाव शुरू हो गया था। हालांकि, बचाव टीम ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रित किया।
हादसों पर कब लगेगी रोक?
विरुधुनगर और अन्य क्षेत्रों में बार-बार हो रहे ऐसे हादसे चिंता का विषय हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे ताकि इन जानलेवा घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। पटाखा फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि पटाखा उद्योग में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक और सख्त नियमों को लागू करना चाहिए। इसके साथ ही फैक्ट्री मालिकों को नियमित प्रशिक्षण और निरीक्षण के तहत लाना होगा।
जनता और सरकार की भूमिका
ऐसे हादसों को रोकने के लिए जनता और सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा। जहां सरकार सख्त कानून बनाए, वहीं जनता को भी सुरक्षा मानकों को लेकर जागरूक होना चाहिए।
इस भीषण हादसे ने एक बार फिर से पटाखा उद्योग में सुरक्षा की अनदेखी को उजागर किया है। अब देखना होगा कि प्रशासन और फैक्ट्री मालिक इस दिशा में कितनी गंभीरता दिखाते हैं।

