विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के लिए गए। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आगामी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की। क्रेमलिन के सीनेट पैलेस के प्रतिनिधि कार्यालय में हुई इस बैठक में पुतिन ने जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत किया। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पुतिन को अभिवादन भी पहुंचाया।
भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने का प्रयास
सोशल मीडिया पर जयशंकर ने बताया कि उन्होंने पुतिन के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को और गहरा और मजबूत बनाने के लिए पुतिन के दृष्टिकोण और मार्गदर्शन को वे बहुत महत्व देते हैं। वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए जो तैयारियां चल रही हैं, उनसे पुतिन को अवगत कराया गया। इस बैठक ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने का अवसर प्रदान किया।
आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद के प्रति विश्व समुदाय को ‘जीरो टॉलरेंस’ अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता, इसे नजरअंदाज या छुपाया नहीं जा सकता। जयशंकर ने कहा कि एससीओ को बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुसार अपने एजेंडे और कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए। भारत इस दिशा में सकारात्मक और पूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत की संभावित रूस यात्रा
इस बैठक के दौरान एक वीडियो में देखा गया कि पुतिन ने जयशंकर का हाथ मिलाकर स्वागत किया। इस अवसर पर भारतीय राजदूत विनय कुमार और संयुक्त सचिव मयंक सिंह भी मौजूद थे। पुतिन की भारत यात्रा के संबंध में कहा जा रहा है कि वे इस साल के अंत में, संभवतः पांच दिसंबर के आसपास भारत आ सकते हैं। इससे भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आने की उम्मीद है।
एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने सोमवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। इसके अलावा, एससीओ के अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों के साथ भी मुलाकात की। इस बैठक में रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन, ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा अरेफ, बेलारूस के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर तुर्चिन सहित कई अन्य सदस्य देश शामिल थे। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार और एससीओ महासचिव नुरलान यरमेकबायेव भी बैठक में उपस्थित थे।



