अयोध्या के राम मंदिर परिसर में भव्य धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। अयोध्या और काशी के प्रकांड विद्वान इन पूजा-पाठों का संचालन कर रहे हैं। ये अनुष्ठान ध्वजारोहण समारोह के संदर्भ में आयोजित किए जा रहे हैं। यज्ञशाला में यज्ञ की आहुतियां डाली जा रही हैं और वेद की ऋचाओं का पारायण किया जा रहा है। साथ ही रामार्चा और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ भी किया जा रहा है। मंदिर परिसर में वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास की रामचरितमानस के पाठ से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। यह समस्त अनुष्ठान मंदिर की पवित्रता और आध्यात्मिकता को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
राम मंदिर की 191 फीट ऊंचाई पर फहराएगा ध्वज
राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाले ध्वज की खास जानकारी सामने आई है। यह ध्वज 191 फीट की ऊंचाई पर लहराएगा, जो मंदिर के शिखर की कुल ऊंचाई 161 फीट से भी ऊंचा है। इस ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी। इसके अलावा इसका वजन लगभग ढाई किलो के करीब होगा। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा सपत्नी इस ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान हैं। उन्होंने बताया कि ध्वज विशेष रूप से मौसम की मार से सुरक्षित रहेगा और वर्षा, तेज हवा आदि से प्रभावित नहीं होगा।
ध्वज की विशेषता: सूर्यवंश और ओंकार का प्रतीक
राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाले ध्वज की खासियत इसकी डिजाइन में छिपी है। इस ध्वज पर एक भी चक्र नहीं होगा, जो इसे अद्वितीय बनाता है। ध्वज के रंग केसरिया होंगे जो हिंदू धर्म का प्रतीक है। साथ ही इस पर सूर्यवंश के प्रतीक सूर्य का चिन्ह और ओंकार का प्रतीक अंकित होगा। यह ध्वज राम मंदिर की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। भारतीय सेना ने भी इस ध्वज को फहराने का अभ्यास किया है, जिससे इसका संचालन बिना किसी बाधा के सुनिश्चित किया जा सके।
शिखर पर ध्वज फहराने की मेकेनिकल व्यवस्था
ध्वज फहराने के लिए राम मंदिर परिसर में विशेष व्यवस्था की गई है। ध्वज की रस्सी का वजन इतना अधिक है कि इसे हाथों से खींचना बहुत कठिन होगा। इसलिए इसे मशीन से जोड़ दिया गया है। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रिक बटन का विकल्प भी रखा गया है, लेकिन किसी भी प्रकार की तकनीकी विफलता से बचने के लिए रस्सी दोनों तरफ से बैलेंस करके मशीन लगाई गई है। इस तरह की मेकेनिकल व्यवस्था यह सुनिश्चित करेगी कि ध्वजारोहण समारोह में कोई दिक्कत न आए और यह भव्य तरीके से संपन्न हो।
धार्मिक उत्साह और देशवासियों की भावनाएं
राम मंदिर परिसर में चल रहे इन अनुष्ठानों और ध्वजारोहण समारोह से पूरे देश में एक नया उत्साह और श्रद्धा की भावना जागृत हो रही है। लाखों देशवासी इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर गर्व और उमंग महसूस कर रहे हैं। यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है। मंदिर के शिखर पर लहराता केसरिया ध्वज इस इतिहास को और भी गौरवशाली बनाएगा। आने वाले समय में यह आयोजन देशवासियों के लिए नई प्रेरणा और श्रद्धा का स्रोत बनेगा।



