श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात करीब 11:20 बजे एक भयानक विस्फोट हुआ। यह विस्फोट तब हुआ जब पुलिस स्टेशन में रखे गए विस्फोटक पदार्थों के नमूने लिए जा रहे थे। जम्मू और कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने इस घटना को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति की जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह विस्फोट आतंकवादी हमला नहीं बल्कि एक दुर्घटना थी। विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई है।
विस्फोट की जांच दो दिन से जारी
नौगाम विस्फोट की जांच के बारे में डीजीपी नलिन प्रभात ने बताया कि यह विस्फोट उस एफआईआर की जांच के दौरान हुआ जिसमें फरीदाबाद से बड़ी मात्रा में विस्फोटक, रसायन और रिएजेंट जब्त किए गए थे। ये सामग्री 9 और 10 नवंबर को जब्त की गई थी। इस विस्फोटक सामग्री को नौगाम पुलिस स्टेशन के खुले क्षेत्र में सुरक्षित रखा गया था। फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम पिछले दो दिनों से इस सामग्री की जांच कर रही थी, तभी यह हादसा हुआ।
नौ लोगों की मौत, कई घायल
डीजीपी ने बताया कि इस दुर्घटना में कुल नौ लोगों की मौत हुई है। इनमें एक एसआईए कर्मी, तीन एफएसएल टीम के सदस्य, दो क्राइम सीन फोटोग्राफर, दो राजस्व अधिकारी और एक दर्जी शामिल हैं जो जांच दल के साथ थे। इसके अलावा 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और आसपास के तीन आम नागरिक भी घायल हुए हैं जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। अधिकारीयों ने बताया कि यह एक दुखद दुर्घटना है और इसके कारणों की जांच जारी है।
आसपास के भवनों को भी नुकसान
इस विस्फोट से पुलिस स्टेशन की इमारत को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही आसपास की कई इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। डीजीपी ने बताया कि नुकसान के स्तर का आकलन किया जा रहा है। विस्फोट से निकली धुएं और आवाज़ ने आसपास के इलाकों में खौफ फैला दिया था। कई घरों की खिड़कियां टूट गईं और वहां रहने वाले लोग दहशत में थे। प्रशासन इस घटना से प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद कर रहा है।
दुख की घड़ी में पुलिस का परिवार एकजुट
डीजीपी नलिन प्रभात ने कहा कि यह हादसा प्रशासन और पुलिस के लिए एक बहुत बड़ा सदमा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है और इस दुख की घड़ी में उनके साथ पूरी सहानुभूति रखती है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद हादसे की पूरी वजह सामने आएगी। प्रशासन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगा ताकि फिर कभी ऐसी दुर्घटना न हो।


