Delhi terror attack: दिल्ली के लाल किले के पास हुए भयावह आतंकी धमाके के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। इसी कड़ी में असम में भी व्यापक कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि दिल्ली विस्फोटों के बाद आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट करने वाले 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी राज्य भर के अलग-अलग इलाकों में हुई है, जिससे यह साफ होता है कि असम सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
15 आरोपियों की गिरफ्तारी, नाम और क्षेत्रीय विवरण
सीएम ने बताया कि 12 नवंबर की शाम छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इसके बाद रात भर में नौ और लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में रफीजुल अली (बोंगाईगांव), फोरिद उद्दीन लस्कर (हैलाकांडी), इनामुल इस्लाम और फिरोज अहमद पापोन (लखीमपुर), शाहिल शोमन सिकंदर, शाहिदुल इस्लाम (बारपेटा) शामिल हैं। इसके अलावा रकीबुल सुल्तान, नसीम अकरम, तस्लीम अहमद, अब्दुर रोहिम मोल्ला और बप्पी हुसैन भी गिरफ्त में हैं। ये गिरफ्तारी असम पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई का नतीजा है।
हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई का अल्टीमेटम
हिमंत बिस्वा सरमा ने स्पष्ट किया कि हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन का फोकस ऐसे तत्वों को पकड़ने और सख्त से सख्त कार्रवाई करने पर है जो असम में अशांति फैलाना चाहते हैं। सीएम ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “हम आतंकवाद के समर्थकों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।” यह बयान राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
खुफिया एजेंसियों ने बड़ी आतंकी साजिश का किया खुलासा
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, दिल्ली में हुए विस्फोट के पीछे एक संगठित आतंकी साजिश थी। आरोपियों ने हमले के लिए दो गाड़ियां – एक Hyundai i20 और एक Ford EcoSport – मॉडिफाई की थीं। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इसी तरह की अन्य गाड़ियां भी धमाकों के लिए तैयार की जा रही थीं। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां और अधिक सतर्क हो गई हैं और संभावित खतरों को रोकने के लिए विशेष कदम उठा रही हैं।
सोशल मीडिया पर नजर, सुरक्षा एजेंसियां चौकस
सुरक्षा एजेंसियां सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर बनाए हुए हैं। असम में आतंकवाद से जुड़े संदिग्ध पोस्ट और गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इससे पहले भी सोशल मीडिया पर फैलाए गए फर्जी और उकसावे वाले पोस्ट के कारण कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस प्रकार की कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि असम में शांति और सुरक्षा बनी रहे और किसी भी तरह की अशांति को बढ़ावा न मिले।


