बिहार विधानसभा चुनाव अब अपने पूरे रंग में है। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होनी है और इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार में चुनावी माहौल गर्मा दिया है। आज सीएम योगी की तीन जनसभाएं होनी हैं जिनमें सीवान, भोजपुर और बक्सर शामिल हैं। हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर वे जनता को एनडीए के पक्ष में लामबंद करने की कोशिश में जुटे हैं।
सीवान में शहाबुद्दीन के गढ़ में योगी का शंखनाद
सीवान जिला, जो कभी आरजेडी नेता और बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन का गढ़ माना जाता था, आज सीएम योगी के भाषणों से गूंज उठा। यहां से आरजेडी ने शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाहाब को मैदान में उतारा है जबकि एनडीए की ओर से जेडीयू प्रत्याशी विकास कुमार सिंह चुनौती पेश कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपनी सभा में महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा और कहा कि बिहार में विकास नहीं बल्कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है। सीवान में योगी का संदेश साफ था — अब बिहार को नए नेतृत्व की जरूरत है।
भोजपुर में वामपंथी गढ़ को तोड़ने की रणनीति
सीवान के बाद योगी आदित्यनाथ का कारवां भोजपुर पहुंचा। यह जिला लंबे समय से वामपंथी राजनीति का केंद्र रहा है। 2020 के चुनाव में एनडीए यहां केवल दो सीटें जीत पाया था। हालांकि पिछले साल हुए उपचुनाव में बीजेपी ने तरारी सीट महागठबंधन से छीन ली थी जिससे एनडीए का मनोबल बढ़ा। योगी ने भोजपुर की सभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है और बिहार को इस परिवर्तन में पीछे नहीं रहना चाहिए।
बक्सर में खाता खोलने की चुनौती
योगी का तीसरा पड़ाव बक्सर रहा जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए का खाता तक नहीं खुल पाया था। यहां महागठबंधन ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। योगी ने जनता से अपील की कि वे बिहार में ऐसी सरकार चुनें जो अपराध मुक्त और विकास आधारित शासन दे सके। उन्होंने कहा कि बक्सर जैसे ऐतिहासिक जिले से एनडीए की जीत बिहार की नई कहानी लिखेगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ का बिहार दौरा सिर्फ राजनीतिक भाषणों तक सीमित नहीं है बल्कि यह एनडीए की रणनीति का अहम हिस्सा है। यूपी से सटे जिलों में योगी की लोकप्रियता का फायदा उठाकर बीजेपी और जेडीयू अपने पक्ष में माहौल बनाना चाहती हैं। योगी का संदेश दोहरा है — एक ओर हिंदुत्व और राष्ट्रवाद तो दूसरी ओर विकास और सुशासन। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह फॉर्मूला बिहार की जनता को रास आता है या नहीं।



