उत्तराखंड के CM Dhami ने गुरुवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की और राज्य की जनता की खुशहाली, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। इस अवसर पर बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट विधिवत पूजा-पाठ के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। मुख्यमंत्री धामी ने मंदिर परिसर में चल रहे पुनर्निर्माण और विकास कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्थानीय पुजारियों और श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनकी आवश्यकताओं और सुझावों को भी सुना। इस वर्ष की तरह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ केदारनाथ यात्रा का यह अध्याय श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में सम्पन्न हुआ।
चारधाम यात्रा रही सफल, श्रद्धालुओं की संख्या ने बनाया रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा ऐतिहासिक रूप से सफल रही। राज्य सरकार की सुव्यवस्थित योजना और प्रशासनिक प्रबंधन के कारण यात्रा बिना किसी बाधा के सम्पन्न हो सकी। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ की कृपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से उत्तराखंड लगातार धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रगति कर रहा है। इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली।
मनासखंड मंदिरों में भी चल रहे हैं विकास कार्य
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड के चारधामों के साथ-साथ मनासखंड क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों का भी पुनर्विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को “सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी” के रूप में विकसित करना है। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को शीघ्र गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
2026 की यात्रा के लिए बनाई जा रही नई रणनीति
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्ष 2026 की यात्रा के लिए अभी से रणनीति तैयार की जाए ताकि श्रद्धालुओं की सुविधा के सभी प्रबंध समय पर पूरे किए जा सकें। उन्होंने पुजारियों, स्थानीय व्यापारियों, हक-हकूकधारियों और तीर्थयात्रियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी सहभागिता से ही यात्रा का सफल संचालन संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा केदार की कृपा से यह यात्रा शांति और सुरक्षा के साथ सम्पन्न हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड न केवल तीर्थाटन का केंद्र बनेगा बल्कि विश्वभर में सनातन आस्था का प्रतीक भी रहेगा।


