कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल ही में दक्षिण अमेरिका के देश पेरू पहुंचे। वहां उन्होंने पॉन्टिफिकल कैथोलिक यूनिवर्सिटी और चिली यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली में बड़े सुधार और बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि शिक्षा में देश की विविधता दिखाई जानी चाहिए और सभी को समान अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए।
राहुल गांधी ने मौजूदा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि भारत में स्वतंत्र विचार पर लगातार हमले हो रहे हैं। यह सही नहीं है और देश में स्वतंत्र विचार की रक्षा के लिए वे पूरी तरह से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों से बातचीत में शिक्षा, सामाजिक समावेश और स्वतंत्र विचार से जुड़ी चुनौतियों पर गहराई से चर्चा की।
राहुल गांधी ने कहा कि शिक्षा की शुरुआत हमेशा जिज्ञासा से होनी चाहिए और इसमें किसी प्रकार का डर या बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एक समावेशी और बेहतर शिक्षा प्रणाली में छात्र स्वतंत्र रूप से सवाल पूछ सकें और खुली सोच रख सकें। इसका मतलब है कि शिक्षा सिर्फ कुछ लोगों के लिए विशेषाधिकार नहीं हो सकती। यह स्वतंत्रता ही शिक्षा की असली नींव है।
सरकार की नीतियों पर आलोचना
राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान सरकार मुख्य रूप से उच्च जातियों के हितों पर ध्यान देती रही है। वहीं मध्यम और निम्न जातियों और आदिवासी समुदायों के इतिहास, परंपराओं और योगदान की अनदेखी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय शिक्षा में वैज्ञानिक और तार्किक सोच धीरे-धीरे कम हो रही है। स्वतंत्र और खुली सोच पर हमला हो रहा है और इसे बचाना जरूरी है। पिछले एक दशक में वैज्ञानिक दृष्टिकोण में गिरावट आई है और इसे ठीक करना आज की सबसे बड़ी चुनौती है।
शिक्षा में निवेश की आवश्यकता
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने शिक्षा में पीछे हटकर निजी संस्थानों को बढ़ावा दिया है। हालांकि प्राइवेट संस्थानों के लिए जगह है, लेकिन सरकार को सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली और कम लागत वाली शिक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा में निवेश सरकार की जिम्मेदारी है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी अपनी दक्षिण अमेरिका यात्रा में कोलंबिया, ब्राजील, पेरू और चिली में शिक्षा, लोकतंत्र और भू-राजनीति पर भी चर्चा कर चुके हैं।


