मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग किसानों के लिए लगातार कई प्रोत्साहन योजनाएं और अनुदान कार्यक्रम चला रहा है। इस रबी सीजन में सरकार 92 हजार से अधिक मिनीकिट वितरित करेगी और 8385 किसान पाठशाला आयोजित करके किसानों को नई उत्पादन तकनीक से अवगत कराएगी।
रबी फसल में दलहनी फसलों का क्षेत्रफल और उत्पादन खरीफ की तुलना में अधिक होता है। साथ ही इस मौसम में कीट और रोग का संक्रमण कम होता है, जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ने की संभावना अधिक रहती है।
कृषि मंत्री का संदेश
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार किसानों को अन्नदाता मानकर उनके उत्थान के लिए लगातार प्रयास कर रही है। रबी सीजन में उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश स्तर पर रबी गोष्ठी भी आयोजित हुई, जिसमें हजारों किसानों ने खेती में नवीनीकरण की जानकारी प्राप्त की।
किसानों को सलाह दी गई कि बीज शोधन, जैव रसायन और कृषि रक्षा रसायन का उपयोग करके ही बोआई करें। इससे बीज जनित और भूमि जनित रोगों का संक्रमण कम होगा। साथ ही, राइजोबियम कल्चर से शोधित करने पर मिट्टी में 20-25 किलो नाइट्रोजन स्थिरीकरण होता है, जिससे आगामी फसलों की लागत कम होगी और उत्पादकता बढ़ेगी।
कृषि विभाग की योजनाएं
रबी में दलहनी फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग कई प्रोत्साहन और अनुदान आधारित कार्यक्रम चला रहा है। विशेष रूप से नवीन प्रजातियों के लिए निःशुल्क मिनीकिट, एकड़ प्रदर्शन और किसान पाठशाला आयोजित की जा रही है। किसानों को प्रति एकड़ 4000 रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है। इस रबी सीजन में 92,518 मिनीकिट, 8385 खंड प्रदर्शन और 8385 किसान पाठशाला का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन मिशन के तहत विभिन्न प्रकार के बीजों और प्रदर्शन पर अनुदान दिए जा रहे हैं। अनुदान सीधे किसानों के खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजा जाएगा।


