
India-Pak Relations: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंकाओं के बीच एक नई खबर सामने आई है, जिसमें यह दावा किया गया है कि तुर्की ने पाकिस्तान को हथियारों का एक बड़ा स्टॉक भेजा है। खबरों के मुताबिक तुर्की से हथियार लेकर आने वाली कार्गो फ्लाइट्स इस्लामाबाद पहुंच चुकी हैं। यह वही तुर्की है जहां भारत ने हाल ही में भूकंप के बाद मदद पहुंचाई थी। लेकिन अब यह तुर्की वही है जिसने पाकिस्तान को हथियार भेजने का कदम उठाया है।
तुर्की के C-130 विमान पाकिस्तान पहुंचे
सूत्रों के अनुसार, कम से कम 6 C-130 कार्गो फाइटर विमान तुर्की से इस्लामाबाद पहुंचे हैं। इनमें से कुछ विमान कराची भी पहुंचे और अन्य विमान इस्लामाबाद के एक सैन्य अड्डे पर उतरे। पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया है कि तुर्की द्वारा भेजे गए हथियारों में बेयरेक्टार TB2 ड्रोन, छोटे हथियार, स्मार्ट बम और गाइडेड मिसाइल सिस्टम शामिल हो सकते हैं। इससे पाकिस्तान को अपनी सैन्य ताकत में वृद्धि का लाभ हो सकता है।

Open source int handles say that the cargo has munitions and missiles for Pakistan from Turkey.
What can common Indians do? Cancel your travel bookings for holidays to a country that helps Pakistan in arming itself. Do your bit.https://t.co/K1qkbLZFwB— Smita Prakash (@smitaprakash) April 28, 2025

चीन भी पाकिस्तान को दे रहा है सैन्य मदद
इसके अलावा, भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान को चीन से भी सैन्य मदद मिलने की खबरें सामने आ रही हैं। चीन ने पाकिस्तान को PL-15 मिसाइलें भेजी हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने अपने JF-17 लड़ाकू विमानों में इंस्टॉल किया है। यह चीन-पाकिस्तान सैन्य संबंधों की बढ़ती स्थिति को दिखाता है, खासकर कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान अब अपने सैन्य सहयोगियों, तुर्की और चीन पर ज्यादा निर्भर हो रहा है।
भारत के खिलाफ पाकिस्तान के सैन्य साजिशों में वृद्धि
इस बीच, पाकिस्तान के लिए तुर्की और चीन का बढ़ता सैन्य समर्थन इस बात का संकेत है कि दोनों देश पाकिस्तान को भारत के खिलाफ और अधिक मजबूत बनाने के लिए अपनी मदद में वृद्धि कर रहे हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ चुका है। इन घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए तुर्की और चीन से समर्थन लिया है। यह घटनाक्रम आने वाले समय में भारत के लिए और भी गंभीर चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है।

