
Firecracker Factory Blast: शनिवार सुबह मजलूमनगर-सहारनपुर स्टेट हाईवे पर जाडौदा जाट गांव के पास स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त धमाका हुआ। इस दर्दनाक हादसे में कई मजदूरों की जान चली गई। धमाका इतना जोरदार था कि उसकी आवाज आसपास के गांवों तक सुनी गई। जब गांव के लोग मौके पर पहुंचे तो आधा किलोमीटर तक मानव शरीर के टुकड़े बिखरे पड़े थे। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया और जोरदार प्रदर्शन किया।
करीब 10 मजदूर कर रहे थे काम
यह धमाका सुबह करीब 7 बजे ईगल फायर वर्क्स नामक फैक्ट्री में हुआ जो जाडौदा जाट गांव के सामने हाईवे के दूसरी तरफ स्थित है। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के समय फैक्ट्री में 10 से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। धमाका इतना जबरदस्त था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े 500 मीटर तक बिखर गए। गुस्साए लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और हाईवे पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस और दमकल विभाग की मिलीभगत से फैक्ट्री में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री रखी गई थी।


ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन पर उठाए सवाल
घटना के बाद डीएम मनीष बंसल और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण मौके पर पहुंचे लेकिन उन्हें भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने फैक्ट्री संचालक के फरार हो जाने पर भी सवाल उठाए। ग्रामीणों का कहना था कि हादसे में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि प्रशासन ने अभी केवल तीन मौतों की पुष्टि की है। घटना स्थल से जुटाए गए सबूतों के आधार पर जांच जारी है और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
फॉरेंसिक टीम ने जुटाए सबूत और SDRF को बुलाया गया
फॉरेंसिक टीम ने मौके से जरूरी सबूत इकट्ठा किए हैं। साथ ही गाजियाबाद से एसडीआरएफ की टीम भी बुलाई गई है ताकि मलबे की जांच पूरी तरह से की जा सके। चीफ फायर ऑफिसर प्रताप सिंह ने बताया कि फैक्ट्री को केवल अनार और फुलझड़ी जैसे पटाखे बनाने की अनुमति थी लेकिन इसके आड़ में प्रतिबंधित पटाखों का निर्माण किया जा रहा था। इस लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हुआ। प्रशासन ने जांच तेज कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

