
UP News: शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चुप्पी को लेकर आलोचना की। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में विवादास्पद विधेयक पर लंबी बहस के दौरान कुछ नहीं कहा, जिससे कई मुसलमानों में गुस्सा भड़क गया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय की हताशा समझी जा सकती है।
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधा
मायावती ने कांग्रेस और भाजपा दोनों की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक ट्वीट में उन्होंने दोनों पार्टियों पर सरकारी नौकरियों, शिक्षा और अन्य कल्याणकारी सेवाओं में आरक्षण के अपने अधिकारों की अनदेखी करके बहुजन समुदाय को विफल करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बहुजनों को वंचित रखने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को इन पार्टियों के धोखे से सावधान रहने की जरूरत है।

1. वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लम्बी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इण्डिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक।
— Mayawati (@Mayawati) April 12, 2025

UP सरकार की विफलताओं की आलोचना
मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि भाजपा के शासन में राज्य में बहुजन समाज की हालत खराब है। उन्होंने सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि निजीकरण बढ़ने से स्थिति और खराब हो रही है, खासकर बिजली जैसे क्षेत्रों में। उनके अनुसार, भाजपा नेताओं को कानून अपने हाथ में लेने की छूट है, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ रही है।
वक्फ अधिनियम पर केंद्र से अपील
इस सप्ताह की शुरुआत में मायावती ने केंद्र सरकार से नए वक्फ अधिनियम के प्रावधानों पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया था। उन्होंने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने पर चिंता व्यक्त की, जिसे उन्होंने अनुचित माना। संसद में पारित होने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिली। गरमागरम बहस के बावजूद, विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में महत्वपूर्ण बहुमत के साथ मंजूरी मिल गई।

