
Dadi Ratanmohini: आध्यात्मिक जगत की एक महान हस्ती, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका डॉ. दादी रतनमोहिनी का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। गिरते स्वास्थ्य के कारण उन्हें दो दिन पहले अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उन्होंने रात 1:20 बजे अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को वैकुंठी यात्रा पर ले जाया गया और अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। अंतिम संस्कार शांतिवन में किया जाएगा। उनके निधन से देश भर की मशहूर हस्तियों समेत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों में गहरा शोक है।
13 साल की उम्र में शुरू हुई आध्यात्मिक यात्रा
दादी रतनमोहिनी ने मात्र 13 वर्ष की आयु से ही अपना जीवन आध्यात्मिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। अपने जीवन के दौरान, वे भारत और विदेशों में लाखों लोगों के लिए आशा और आध्यात्मिक मार्गदर्शन की किरण बन गईं। आध्यात्मिक सेवा के 100 वर्षों की उपलब्धि हासिल करने के बाद, 25 मार्च को उनका 101वां जन्मदिन मनाया गया। इसके ठीक दो सप्ताह बाद, उन्होंने अपना भौतिक शरीर त्याग दिया। दादी रतनमोहिनी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संस्थापक सदस्यों में से एक थीं और उन्होंने संगठन की वैश्विक पहुँच को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

दादी रतन मोहिनी जी के निधन के बारे में जानकर मुझे बहुत दुख हुआ है। वे ब्रह्माकुमारी संस्था का एक प्रकाश-स्तंभ थीं। इस संस्थान ने मेरी जीवन यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
दादी रतन मोहिनी जी ने अपनी शिक्षाओं और कार्यों से अनगिनत लोगों की सोच और जीवन को संवारा। सेवा, सद्भाव,…— President of India (@rashtrapatibhvn) April 8, 2025

राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने जताया दुख
दादी रतनमोहिनी के निधन से न केवल आध्यात्मिक समुदाय बल्कि राजनीतिक और सामाजिक नेताओं में भी शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, अभिनेता अनुपम खेर और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई लोगों ने अपनी संवेदना व्यक्त की है। ऐसी प्रभावशाली शख्सियत के चले जाने से समाज के सभी वर्गों के लोगों पर गहरा असर पड़ा है।
Dadi Ratan Mohini Ji had a towering spiritual presence. She will be remembered as a beacon of light, wisdom and compassion. Her life journey, rooted in deep faith, simplicity and unshakable commitment to service will motivate several people in the times to come. She provided… pic.twitter.com/j0fl7OKFHy
— Narendra Modi (@narendramodi) April 8, 2025
सेवा और प्रेरणा से भरे जीवन को श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया पर दादी रतनमोहिनी को “ब्रह्मकुमारी संगठन की प्रकाशस्तंभ” बताते हुए अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने अनगिनत लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और शांति, सेवा और सद्भाव के संदेश फैलाने के लिए उनकी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति और सेवा के प्रति समर्पण को उजागर करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका जीवन भविष्य में भी कई लोगों को प्रेरित करता रहेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दादी रतनमोहिनी को “आध्यात्मिक प्रकाश का स्रोत” बताया और कहा कि उनका जाना न केवल ब्रह्मकुमारी परिवार के लिए बल्कि पूरे आध्यात्मिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। सभी नेताओं ने इस भावना को दोहराया कि उनकी विरासत उन लोगों के दिलों और दिमागों में जीवित रहेगी जो उनकी शिक्षाओं और सेवा से प्रभावित हुए थे।

