
Manipur Violence: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में गुरुवार को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इस स्थिति के मद्देनजर स्कूलों और बाजारों को बंद रखा गया। पुलिस के अनुसार, दो दिन पहले ‘हमार’ और ‘जोमी’ समुदायों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई, और कई लोग घायल हुए हैं। इसके बाद, चुराचांदपुर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
स्कूल और बाजार बंद रहे
जिले में तनाव को देखते हुए स्कूलों और बाजारों को बंद कर दिया गया। एक अधिकारी के अनुसार, स्थिति की गंभीरता को समझते हुए लोगों को सुरक्षा की जरूरत थी। चर्च और नागरिक संगठनों के लोग शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं। बुधवार रात को सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा न हो। यह फ्लैग मार्च इलाके में शांति बनाए रखने के लिए था।

हमार समुदाय के एक व्यक्ति की मौत के बाद स्थिति और बिगड़ी
मंगलवार रात को चुराचांदपुर जिले में हुई हिंसक झड़प में 51 वर्षीय लालरोपुई पाकहांगते, जो कि हमार समुदाय के सदस्य थे, गोली लगने से मारे गए। उन्हें सिलमाट क्रिश्चियन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद इलाके में तनाव और हिंसा फैल गई। रविवार को जोमी समुदाय के लोगों द्वारा हमार इनपुई जनरल सेक्रेटरी रिचर्ड हमार पर भी हमला किया गया था, जिसके बाद यह हिंसा और बढ़ी।

हिंसा के कारण कई लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए
इस हिंसा ने इलाके में भारी तनाव को जन्म दिया और इसके बाद अगले दिन कर्फ्यू लागू कर दिया गया। इस दौरान, कुकि समुदाय के कई विस्थापित लोगों को राहत शिविरों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। चुराचांदपुर शहर मुख्य रूप से जोमी समुदाय द्वारा आबाद है, जबकि कुछ इलाके हमार और कुकि समुदायों के भी हैं।
शांति की अपील और भविष्य के लिए संयुक्त शांति समिति की स्थापना
चुराचांदपुर जिले के कई जन प्रतिनिधियों और जनजातीय संगठनों ने शांति बनाए रखने की अपील की। बुधवार को छात्र संगठन ने जिले में बंद का आह्वान किया था, जिसके बाद छह विधायकों और 12 कुकि-जोमी और हमार संगठनों ने शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त बयान जारी किया। इन संगठनों ने यह निर्णय लिया कि वे एक संयुक्त शांति समिति बनाएंगे, जो स्थिति की निगरानी करेगी और भविष्य में किसी भी तरह की गलतफहमियों से बचने के लिए काम करेगी।
इसके अलावा, चुराचांदपुर और फेर्जवल जिलों के छह विधायकों ने संयुक्त रूप से शांति और सद्भावना की अपील की और प्रशासन से कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। मणिपुर में मई 2023 से मीतेई और कुकि-जोमी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू
Manipur Violence को देखते हुए 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। इसके बाद, राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और विधानसभा को निलंबित कर दिया गया। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से प्रशासन ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं।
Manipur के चुराचांदपुर जिले में Violence और तनाव की स्थिति ने स्थानीय लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। हालांकि, विभिन्न संगठन और नेता शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं और कर्फ्यू के बावजूद स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन की कोशिश है कि हिंसा को रोकने और जिले में शांति को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाए।

