
UP News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक डिग्री कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर और प्रोफेसर राजनीश कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर कई छात्राओं के यौन शोषण का आरोप है और उनकी वीडियो भी वायरल हो रही हैं। इस मामले में सवाल उठ रहे हैं कि राजनीश कुमार इतने समय तक इन घटनाओं को कैसे अंजाम दे रहे थे और अब तक वे पकड़ में क्यों नहीं आए?
मामला कैसे सामने आया?
करीब 10 महीने पहले पुलिस को एक अनाम पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें किसी पीड़िता का नाम नहीं था। यह शिकायत एक असहाय बहन के नाम से की गई थी। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की, लेकिन कोई भी पीड़िता सामने नहीं आई, जिसके कारण जांच को बंद कर दिया गया। इसके बाद कुछ दिन पहले, राष्ट्रीय महिला आयोग और हाथरस पुलिस को एक सीडी के साथ फिर से एक अनाम पत्र भेजा गया। इस पत्र में भी भेजने वाले ने अपना नाम नहीं बताया।

जब पुलिस ने इस सीडी को देखा, तो उसमें कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर राजनीश कुमार के कई अश्लील वीडियो थे, जिनमें वह छात्राओं के साथ यौन शोषण करते हुए दिख रहे थे। इस शिकायत और वीडियो के आधार पर पुलिस ने प्रोफेसर राजनीश कुमार के खिलाफ यौन शोषण की धाराओं में एफआईआर दर्ज की।

कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई: प्रोफेसर को निलंबित किया गया
एफआईआर दर्ज होने के बाद, पुलिस ने कॉलेज के प्रिंसिपल और प्रबंधन से संपर्क किया। जैसे ही एफआईआर दर्ज हुई, कॉलेज के प्रिंसिपल ने प्रबंधन के साथ बैठक की और प्रोफेसर राजनीश कुमार को तुरंत निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद राजनीश कुमार फरार हो गए और पुलिस उनकी तलाश में जुट गई।
पुलिस की कार्यवाही: आरोपी प्रोफेसर की तलाश जारी
हाथरस पुलिस ने फरार प्रोफेसर की तलाश के लिए तीन टीमों का गठन किया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हाथरस के एसपी ने कहा कि आरोप है कि प्रोफेसर राजनीश कुमार छात्राओं को परीक्षा में पास कराने, सरकारी शिक्षक की नौकरी दिलवाने और प्रतियोगिता में सफल बनाने के नाम पर उनका यौन शोषण करते थे। एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।
पुलिस के लिए समस्या: अनाम पत्र और वीडियो की गवाही
इस मामले में पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती यह रही है कि शिकायत पत्र अनाम था और जिन वीडियो को भेजा गया है, वे 2023 के हैं। आरोप है कि राजनीश कुमार स्वयं वीडियो बनाते थे ताकि वह छात्राओं को ब्लैकमेल कर सके और उनके साथ फिर से यौन शोषण कर सके। इन वीडियो में वह कैमरे को छिपाकर अपनी हरकतें करते थे, ताकि वह किसी भी समय उन छात्राओं को डराकर उनका शोषण कर सकें।
राजनीश कुमार के खिलाफ आरोप बहुत ही गंभीर हैं और यह मामले ने शिक्षा संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पुलिस और कॉलेज प्रशासन दोनों की तरफ से इस मामले पर सख्त कदम उठाए गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि इतने समय तक इस अपराध को कैसे अंजाम दिया गया और क्यों यह घटनाएं सामने नहीं आईं। अब पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह आरोपी को जल्द से जल्द पकड़कर न्याय दिलवाए और यह सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो।

