Starlink का सैटेलाइट इंटरनेट सेवा भारत में जल्द शुरू हो सकती है: DoT ने जारी की नई दिशा-निर्देश

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का भविष्य अब और भी उज्जवल दिखाई दे रहा है। Elon Musk की कंपनी Starlink, जो कि सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक है, भारत में अपनी सेवा शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हालांकि, इससे पहले कुछ जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा। वर्तमान में, भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटर, अर्थात् Department of Telecommunications (DoT), द्वारा सैटेलाइट सेवा की शुरुआत को लेकर कुछ नई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनके तहत टेलीकॉम उपकरणों की परीक्षण और प्रमाणन अनिवार्य किया गया है।
Starlink का भारत में प्रवेश और नई दिशा-निर्देश
Starlink, जो कि SpaceX की एक सहायक कंपनी है, पहले ही भारत में अपनी इंटरनेट सेवा के लिए तैयारी शुरू कर चुकी है। कंपनी अब भारत में अपने सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत के लिए आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त करने के इंतजार में है। DoT द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को अपने उपकरणों का परीक्षण और प्रमाणन भारत में ही कराना होगा। यह नियम अगस्त के अंत से प्रभावी होंगे।

भारत सरकार ने इस कदम को उठाकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि देश में उपयोग होने वाले सभी टेलीकॉम उपकरण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों और कोई भी उपकरण बिना उचित प्रमाणन के भारत में न आयें। इसके तहत सेवा प्रदाताओं को केवल प्रमाणित उपकरणों को ही भारत में आयात करने की अनुमति होगी।

टेलीकॉम उपकरणों का परीक्षण और प्रमाणन
DoT ने फरवरी 25, 2025 को 14 प्रकार के टेलीकॉम उपकरणों के परीक्षण और प्रमाणन के लिए मानक और उपायों का निर्धारण किया था, जिसमें गैर-स्थिर कक्षा (NGSO) सैटेलाइट उपकरण, जैसे कि इंटीग्रेटेड गेटवे और उपयोगकर्ता टर्मिनल शामिल हैं। इस आदेश के लागू होने के बाद, कोई भी संस्था या व्यक्ति बिना परीक्षण और प्रमाणन के भारत में टेलीकॉम उपकरणों का आयात, वितरण या बिक्री नहीं कर सकेगा।
यह नियम अगले 180 दिनों में लागू होंगे, यानी अगस्त 2025 के अंत तक। इसके बाद, सभी टेलीकॉम कंपनियों को इन नए दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। इससे पहले 2019 में टेलीकॉम उपकरणों के परीक्षण और प्रमाणन के लिए एक योजना बनाई गई थी, ताकि कंपनियां अपने नेटवर्क का विस्तार और मौजूदा नेटवर्क का संचालन सही तरीके से कर सकें। इस योजना के तहत विभिन्न चरणों में परीक्षण और प्रमाणन की प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है, और वर्तमान में यह नियम Phase 5 के तहत लागू किया गया है।
Starlink की तैयारी और भारत में सेवा की शुरुआत
Starlink की भारतीय बाजार में आने की योजना लंबे समय से चर्चा में रही है। कंपनी ने पहले ही भारत में अपने नेटवर्क को स्थापित करने के लिए काफी काम किया है, और अब केवल कुछ औपचारिकताओं को पूरा करने की आवश्यकता है। DoT द्वारा जारी किए गए नए नियमों के तहत, Starlink को अपने उपकरणों का परीक्षण और प्रमाणन भारत में ही कराना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी सेवा भारतीय मानकों के अनुसार कार्य कर रही है। इसके बाद कंपनी के लिए भारतीय उपभोक्ताओं को सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करना संभव हो सकेगा।
Starlink के अलावा, भारत में अन्य कंपनियां भी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की तैयारी में हैं। इनमें OneWeb, Jio और Amazon Kuiper प्रमुख हैं। ये सभी कंपनियां भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की सेवा शुरू करने की होड़ में हैं। हालांकि, इन कंपनियों को भी DoT द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन करना होगा, ताकि वे अपनी सेवाओं को भारतीय बाजार में उपलब्ध करा सकें।
India में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के आने से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच बढ़ने की उम्मीद है। भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और सैटेलाइट इंटरनेट इस वृद्धि को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। विशेष रूप से, ऐसे क्षेत्र जहां परंपरागत ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां सैटेलाइट इंटरनेट एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
सैटेलाइट इंटरनेट की सेवाओं के आने से भारतीय उपभोक्ताओं को उच्च गति और विश्वसनीय इंटरनेट सेवा का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं और डिजिटल इंडिया के तहत भी सैटेलाइट इंटरनेट की भूमिका अहम हो सकती है, क्योंकि यह सरकार के डिजिटल विकास और कनेक्टिविटी लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा।
DoT द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी सैटेलाइट सेवा प्रदाताओं को अपने उपकरणों का परीक्षण और प्रमाणन भारत में ही कराना होगा। इसके साथ ही, कंपनी को अपनी सेवा शुरू करने से पहले भारतीय मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी उपकरण गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता के दृष्टिकोण से उच्चतम मानकों को पूरा करें।
भारत में Starlink और अन्य कंपनियों के सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के आने से, न केवल डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि यह भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में भी इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने का एक बड़ा कदम होगा। अब देखने की बात यह होगी कि ये कंपनियां किस प्रकार इन नई दिशा-निर्देशों के तहत अपनी सेवा शुरू करती हैं और भारतीय उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवा प्रदान करने में कितनी सफल होती हैं।
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का आगमन भारतीय डिजिटल क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। हालांकि, इसके लिए कंपनियों को DoT के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, Starlink और अन्य कंपनियां भारतीय उपभोक्ताओं को सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान कर पाएंगी, जो भारत के डिजिटल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

