
LPG price: मार्च की शुरुआत होते ही महंगाई का बड़ा झटका लगा है। देश की प्रमुख पेट्रोलियम कंपनियों ने 19 किलो के कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने 19 किलो के गैस सिलेंडर की कीमत में 6 रुपये की बढ़ोतरी की है। यह नई कीमतें 1 मार्च 2025 से प्रभावी हो गई हैं। हालांकि, 14 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कमर्शियल गैस सिलेंडर महंगा, घरेलू सिलेंडर के दाम स्थिर
इस बढ़ोतरी का सबसे बड़ा प्रभाव होटल और रेस्तरां उद्योग पर पड़ता है। चूंकि कमर्शियल गैस सिलेंडर का उपयोग होटल, ढाबों, कैटरिंग सेवाओं और अन्य व्यवसायों में होता है, इसलिए इसके महंगे होने से खाने-पीने की चीजों के दामों में वृद्धि हो सकती है। दूसरी ओर, आम आदमी के लिए राहत की बात यह है कि घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतें स्थिर रखी गई हैं।

विभिन्न शहरों में LPG गैस सिलेंडर के दाम
देश के अलग-अलग शहरों में 14 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत इस प्रकार है:

🔹 दिल्ली: ₹803
🔹 कोलकाता: ₹829
🔹 मुंबई: ₹802.50
🔹 चेन्नई: ₹818.50
जबकि 19 किलो के कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है, जिससे होटल और रेस्तरां मालिकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ गया है।
कमर्शियल गैस सिलेंडर महंगा होने से क्या असर पड़ेगा?
कमर्शियल सिलेंडर की कीमत बढ़ने से इसके कई प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:
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होटल और रेस्तरां पर असर:
होटल और रेस्तरां संचालक अधिक कीमतों के कारण भोजन और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ा सकते हैं। इससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। -
शादियों और कैटरिंग व्यवसाय पर प्रभाव:
शादी-विवाह और अन्य आयोजनों में कैटरिंग सेवाओं में कमर्शियल गैस सिलेंडर का उपयोग होता है। इसकी कीमतें बढ़ने से खाद्य सेवाओं की लागत बढ़ सकती है, जिससे आयोजन महंगे हो सकते हैं। -
छोटे व्यवसायियों पर भार:
छोटे ढाबे, स्ट्रीट फूड वेंडर और छोटे होटल मालिकों के लिए यह बड़ा आर्थिक झटका साबित हो सकता है, क्योंकि उनके लिए लागत बढ़ जाएगी। -
घरेलू उपयोगकर्ताओं को अप्रत्यक्ष प्रभाव:
हालांकि, घरेलू LPG सिलेंडर की कीमत नहीं बढ़ी है, लेकिन यदि रेस्तरां और ढाबों में खाने-पीने के दाम बढ़ते हैं तो आम जनता को अधिक खर्च करना पड़ सकता है।
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें क्यों बढ़ती हैं?
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं:
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें:
जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो LPG सिलेंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी होती है। -
सरकारी सब्सिडी और टैक्स:
सरकार घरेलू गैस सिलेंडर पर कुछ हद तक सब्सिडी देती है, लेकिन कमर्शियल सिलेंडर पर कोई सब्सिडी नहीं होती, जिससे इसकी कीमतें अधिक रहती हैं। -
रुपये की विनिमय दर में बदलाव:
यदि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरती है, तो पेट्रोलियम उत्पाद महंगे हो जाते हैं, जिससे गैस सिलेंडर की कीमतों पर प्रभाव पड़ता है। -
मांग और आपूर्ति का संतुलन:
किसी भी उत्पाद की कीमत उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। जब गैस की मांग अधिक होती है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं।
सरकार और जनता की प्रतिक्रिया
LPG कीमतों में वृद्धि पर जनता और व्यापारियों की नाराजगी सामने आई है। होटल और रेस्तरां संचालकों का कहना है कि बार-बार कीमतों में बदलाव से उनका व्यापार प्रभावित होता है। वहीं, सरकार का कहना है कि यह बदलाव अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार किए गए हैं।
कुछ उपभोक्ता संगठनों ने सरकार से कमर्शियल गैस सिलेंडर पर टैक्स कम करने और राहत देने की मांग की है।
क्या आगे कीमतें और बढ़ेंगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती रहीं, तो LPG की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, सरकार द्वारा कोई सब्सिडी न दिए जाने के कारण कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में अस्थिरता बनी रह सकती है।
मार्च की शुरुआत के साथ ही कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी से होटल, रेस्तरां और छोटे व्यवसायियों पर असर पड़ेगा। हालांकि, घरेलू उपभोक्ताओं को राहत दी गई है, क्योंकि 14 किलो के LPG सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
यदि यही स्थिति बनी रहती है, तो आने वाले दिनों में खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। सरकार को चाहिए कि वह कमर्शियल गैस सिलेंडर पर कुछ राहत देने पर विचार करे, ताकि छोटे व्यवसायियों को मदद मिल सके और आम आदमी पर महंगाई का अधिक बोझ न पड़े।

