
Italian प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में आयोजित कंजरवेटिव पॉलिटिकल एक्शन कांफ्रेंस (CPAC) में दिए गए अपने वीडियो भाषण में दुनिया भर के लेफ्टिस्टों पर कड़ा हमला बोला। मेलोनी ने विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी के मुद्दे को लेकर लेफ्टिस्टों की बढ़ती बेचैनी पर निशाना साधा और दुनियाभर के दाएं पक्ष के नेताओं की वैश्विक एकजुटता की सराहना की।
मेलोनी ने कहा, “आज जब ट्रंप, मेलोनी, ज़ेवियर मेली या मोदी जैसे नेता बोलते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है, जबकि जब बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर जैसे नेता 90 के दशक में एक वैश्विक नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें राजनीति के महान नेता कहा जाता था।” उनका यह बयान वैश्विक राजनीति में दाएं और बाएं के बीच बढ़ते तनाव को फिर से उजागर करता है।

मेलोनी का दाएं पक्ष की एकजुटता पर जोर
मेलोनी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि दाएं पक्ष के नेताओं की बढ़ती एकजुटता से बाएं पक्ष के नेता परेशान हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दाएं पक्ष के नेताओं के एकजुट होने से लेफ्टिस्टों को यह एहसास हो रहा है कि उनका वैश्विक प्रभाव कम हो सकता है। मेलोनी ने यह बयान एक मजबूत दावे के रूप में दिया कि जनता अब उनकी बातों पर विश्वास करने लगी है और उन्हें अपना समर्थन दे रही है।

“यह उनका डबल स्टैंडर्ड है, लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं। अच्छी बात यह है कि अब लोग उनकी झूठी बातों पर विश्वास नहीं करते, चाहे वे हमें जितना भी कीचड़ फेंक लें, जनता अब हमारे लिए मतदान कर रही है,” मेलोनी ने कहा। उनका यह बयान उन देशों में बढ़ती दाएं पक्ष की ताकत को रेखांकित करता है जहां परंपरागत रूप से बाएं विचारधारा का प्रभाव था।
VIDEO | “The Left is nervous and with Trump’s victory, their irritation has turned into hysteria, not only because conservatives are winning, but because conservatives are now collaborating globally. When Bill Clinton and Tony Blair created the global leftist liberal network in… pic.twitter.com/uqBmi5bCxp
— Press Trust of India (@PTI_News) February 22, 2025
डोनाल्ड ट्रंप को लेकर मेलोनी का समर्थन
मेलोनी ने ट्रंप को एक मजबूत और प्रभावी नेता बताया और यह नकारा किया कि उनका राष्ट्रपति बनने से दाएं पक्ष के नेताओं के बीच कोई मतभेद उत्पन्न होगा। “हमारे विरोधी यह उम्मीद कर रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप हमसे अलग हो जाएंगे, लेकिन मैं उन्हें एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में जानती हूं। मुझे विश्वास है कि जो लोग ऐसा उम्मीद कर रहे हैं, वे गलत साबित होंगे,” मेलोनी ने कहा।
मेलोनी का यह बयान वैश्विक राजनीति में दाएं और बाएं के बीच टकराव को दर्शाता है, जहां प्रत्येक पक्ष अपनी विचारधारा को लेकर अपनी जगह मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप और मेलोनी जैसे नेता दाएं पक्ष के समर्थकों के बीच एक नई आशा और विश्वास का प्रतीक बन गए हैं, जबकि बाएं पक्ष की ताकत कम होती जा रही है।
लेफ्टिस्टों पर मेलोनी के आरोप
मेलोनी ने अपने भाषण में लेफ्टिस्टों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि वे केवल इस बात से परेशान हैं कि दाएं पक्ष के नेता न सिर्फ चुनाव जीत रहे हैं, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एकजुट हो रहे हैं। “लेफ्टिस्टों को आज केवल इस बात की चिंता है कि दाएं पक्ष के नेताओं की वैश्विक एकजुटता से उनका प्रभाव कम हो रहा है,” उन्होंने कहा।
उनके इस बयान ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि क्या वैश्विक राजनीति में दाएं पक्ष के नेताओं के एकजुट होने से बाएं पक्ष की विचारधारा का प्रभुत्व खत्म हो सकता है। मेलोनी का यह तर्क यह भी दर्शाता है कि दाएं पक्ष की वैश्विक गठबंधन क्षमता अब मजबूत हो चुकी है, और यह विकास वैश्विक राजनीति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र
मेलोनी ने अपने भाषण में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया और उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत किया। मोदी की नीतियां और नेतृत्व शैली का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि जब मोदी बोलते हैं, तो उन्हें भी लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है। यह बयान विशेष रूप से भारत में मोदी के खिलाफ उठने वाली आलोचनाओं को लेकर था, जहां विपक्ष अक्सर उनकी नीतियों और शासन पर सवाल उठाता रहा है।
मेलोनी ने यह भी कहा कि मोदी जैसे नेता न केवल अपने देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक मजबूत आवाज के रूप में उभर कर सामने आए हैं। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि कैसे दाएं पक्ष के नेताओं को उनके समर्थन से एक नए प्रकार की शक्ति मिल रही है।
वैश्विक राजनीति में दाएं और बाएं के बीच बढ़ता तनाव
मेलोनी के बयान ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति में दाएं और बाएं के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर किया है। दुनियाभर में दाएं पक्ष के नेताओं की ताकत बढ़ती जा रही है, जबकि बाएं पक्ष को कई देशों में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रकार की स्थितियां यह दर्शाती हैं कि आने वाले समय में वैश्विक राजनीति में बाएं और दाएं के बीच एक संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
मेलोनी का भाषण एक बार फिर यह स्पष्ट करता है कि वैश्विक राजनीति में दाएं पक्ष के नेताओं के बीच एकजुटता का दौर बढ़ रहा है, और यह आने वाले वर्षों में राजनीति के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकता है। मेलोनी ने जहां ट्रंप, मोदी, और अन्य दाएं पक्ष के नेताओं की एकजुटता की सराहना की, वहीं लेफ्टिस्टों पर हमला करके यह संकेत दिया कि दाएं पक्ष का प्रभाव बढ़ने से बाएं पक्ष को वैश्विक राजनीति में चुनौती मिल सकती है।
इस भाषण ने एक बार फिर यह साबित किया कि वैश्विक राजनीति में दाएं और बाएं के बीच एक गंभीर टकराव के दौर की शुरुआत हो चुकी है, और यह आगामी चुनावों और राजनीतिक घटनाक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

