
Stock market में गिरावट का सिलसिला थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। हर नया दिन निवेशकों के लिए मायूसी लेकर आ रहा है। बाजार में भारी बिकवाली के कारण लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यहां तक कि सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियां भी इस गिरावट से अछूती नहीं रही हैं। इन कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भी बड़ी कमी आई है।
सेंसेक्स की सबसे मूल्यवान 10 कंपनियों में से आठ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पिछले हफ्ते ₹1,65,784.9 करोड़ घटा है। इस गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को हुआ है। पिछले हफ्ते, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 628.15 अंक यानी 0.82 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 133.35 अंक यानी 0.58 प्रतिशत नीचे आया।

TCS को सबसे बड़ा नुकसान
भारतीय शेयर बाजार में मंदी के दौरान, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। पिछले हफ्ते, TCS का बाजार पूंजीकरण ₹53,185.89 करोड़ घटकर ₹13,69,717.48 करोड़ रह गया। यह गिरावट उन निवेशकों के लिए एक बड़ा झटका है, जो TCS में निवेश कर लाभ की उम्मीद कर रहे थे।

भारी गिरावट का सामना कर रहे अन्य दिग्गज
सिर्फ TCS ही नहीं, बल्कि अन्य प्रमुख कंपनियों की भी बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई है।
- भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण ₹44,407.77 करोड़ घटकर ₹9,34,223.77 करोड़ हो गया।
- ICICI बैंक की बाजार स्थिति में ₹18,235.45 करोड़ की गिरावट आई, और इसका बाजार पूंजीकरण ₹8,70,579.68 करोड़ रहा।
- हिंदुस्तान यूनिलीवर की वैल्यूएशन ₹17,962.62 करोड़ गिरकर ₹5,26,684.38 करोड़ रह गई।
- इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण ₹17,086.61 करोड़ घटकर ₹7,53,700.15 करोड़ हो गया।
- ITC की वैल्यूएशन ₹11,949.42 करोड़ घटकर ₹5,01,750.43 करोड़ रह गई।
- HDFC बैंक का बाजार पूंजीकरण ₹2,555.53 करोड़ घटकर ₹12,94,152.82 करोड़ रहा।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की वैल्यूएशन ₹401.61 करोड़ गिरकर ₹6,43,955.96 करोड़ हो गई।
रिलायंस और बजाज में रही वृद्धि
जहां अधिकांश कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई, वहीं कुछ कंपनियों ने अपने बाजार मूल्य में वृद्धि की। रिलायंस इंडस्ट्रीज और बajaj फाइनेंस ऐसी कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने इस मंदी के दौर में अच्छा प्रदर्शन किया है।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाजार पूंजीकरण में ₹14,547.3 करोड़ की वृद्धि हुई और यह ₹16,61,369.42 करोड़ तक पहुंच गया।
- बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण ₹384.33 करोड़ बढ़कर ₹5,20,466.75 करोड़ हो गया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज अभी भी सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में पहले स्थान पर बनी हुई है, इसके बाद TCS, HDFC बैंक, भारती एयरटेल, ICICI बैंक, इन्फोसिस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फाइनेंस और ITC क्रमशः दूसरे से लेकर दसवें स्थान तक हैं।
क्यों हो रही है गिरावट?
इस गिरावट के पीछे कई कारक हैं, जिनमें वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट शामिल हैं। दुनिया भर में बढ़ती महंगाई, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की समस्याएं और अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की नीति भी इन गिरावटों के कारण बन रही हैं। इसके अलावा, घरेलू स्तर पर भी कई नकारात्मक तत्व, जैसे कि सरकारी नीतियां और बाजार की कमजोरी, इन कंपनियों के बाजार पूंजीकरण को प्रभावित कर रहे हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
जब बाजार में गिरावट होती है, तो निवेशकों के लिए यह समय सोच-समझकर निर्णय लेने का होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में निवेशकों को अपनी पोर्टफोलियो विविधीकरण पर ध्यान देना चाहिए और केवल कुछ शेयरों पर निर्भर रहने के बजाय विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने की रणनीति अपनानी चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह समय अच्छे मूल्य पर निवेश करने का हो सकता है। हालांकि, जो लोग कम अवधि में निवेश करने की सोच रहे हैं, उन्हें बाजार की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए और समझदारी से निवेश करना चाहिए।
भारत का शेयर बाजार फिलहाल एक कठिन दौर से गुजर रहा है, जिसमें सेंसेक्स की शीर्ष कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भी गिरा है। हालांकि, कुछ कंपनियों जैसे कि रिलायंस और बजाज फाइनेंस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में निवेशकों के लिए यह समय एक चुनौतीपूर्ण अवसर बन सकता है, जहां वे जोखिमों का सही अनुमान लगाकर और रणनीति से निवेश करें।
बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति को फिर से परखने की सलाह दी जा रही है, ताकि वे इस कठिन समय से भी अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकें।

