
Delhi की पहली बार विधायक बनीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस बैठक की तस्वीरें जारी की हैं। रेखा गुप्ता ने गुरुवार को रामलीला मैदान में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में छह अन्य मंत्रियों के साथ पद की शपथ ली थी। इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। आपके मार्गदर्शन और नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार जनकल्याण और सुशासन के पथ पर चलकर दिल्लीवासियों के सपनों को विकसित दिल्ली में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।”
दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की वापसी
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। इससे पहले, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार थी, जिसका नेतृत्व अरविंद केजरीवाल कर रहे थे। चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद, दिल्ली में बदलाव की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू हो गई है।

सरकार बनते ही मंत्रालयों में बड़े बदलाव
दिल्ली में भाजपा सरकार बनते ही प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण के अगले ही दिन सभी मंत्रालयों में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को उनके पदों से हटा दिया। अब इन विभागों में नई भर्तियां की जाएंगी। सरकारी नियमों के अनुसार, प्रत्येक सरकार अपने कार्यकाल के दौरान अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति करती है, और कार्यकाल समाप्त होते ही इन कर्मचारियों की सेवाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं।

आज प्रधानमंत्री आवास में यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय @narendramodi जी से शिष्टाचार भेंट की।
आपके मार्गदर्शन और नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन सरकार लोक कल्याण और सुशासन के पथ पर चलते हुए दिल्लीवासियों के सपनों को एक विकसित दिल्ली में बदलने को प्रतिबद्ध है।… pic.twitter.com/W6hVfVaEjl
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) February 22, 2025
केजरीवाल सरकार के कर्मचारियों को वापस भेजा गया
रेखा गुप्ता सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में लौटने के निर्देश दिए हैं। केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में कई कर्मचारियों और अधिकारियों की तैनाती विभिन्न विभागों में की गई थी, लेकिन अब सभी को वापस बुला लिया गया है।
क्या कहा गया है सरकारी आदेश में?
दिल्ली सरकार की सर्विस डिपार्टमेंट (सेवाएँ विभाग) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि,
“मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालयों में ‘विभिन्न पदों पर तैनात’ सभी अधिकारी, कर्मचारी और कर्मचारी, जो विभिन्न विभागों, संगठनों, निगमों, बोर्डों, अस्पतालों आदि से आए थे, उन्हें तत्काल प्रभाव से मुक्त माना जाएगा और वे तुरंत अपने-अपने विभागों, बोर्डों, स्वायत्त निकायों, निगमों, अस्पतालों आदि में रिपोर्ट करेंगे।”
आदेश में आगे कहा गया है कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालय नई नियुक्तियों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को नए प्रस्ताव सौंपेंगे। हालांकि, DANICS, DSS और स्टेनो कैडर के नियमित कर्मचारी तब तक अपने मौजूदा पदों पर कार्यरत रहेंगे, जब तक कि नए आदेश नहीं जारी किए जाते।
भाजपा सरकार के सामने बड़ी चुनौतियां
भाजपा के लिए दिल्ली में सरकार बनाना जितना ऐतिहासिक था, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है। 27 साल बाद सत्ता में आई भाजपा सरकार के सामने कई अहम मुद्दे हैं:
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जल संकट और यमुना की सफाई:
दिल्ली में जल संकट बड़ा मुद्दा बना हुआ है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार यमुना की सफाई और जल संकट को हल करने के लिए प्राथमिकता से काम करेगी। -
परिवहन व्यवस्था में सुधार:
दिल्ली में बसों की संख्या बढ़ाने और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने की जरूरत है। भाजपा सरकार इस दिशा में कई नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है। -
प्रदूषण नियंत्रण:
दिल्ली की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। भाजपा सरकार ने वादा किया है कि प्रदूषण कम करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। -
महिला सुरक्षा:
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भाजपा सरकार पहले ही कई बड़े वादे कर चुकी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। -
शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था:
अरविंद केजरीवाल की सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े सुधारों के लिए जाना जाता था। अब भाजपा सरकार को इन क्षेत्रों में अपनी योजनाओं को लागू कर जनता का विश्वास जीतना होगा।
पीएम मोदी के साथ बैठक के क्या मायने?
रेखा गुप्ता की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यह मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में दिल्ली के विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। भाजपा की ‘डबल इंजन सरकार’ अब दिल्ली में किस तरह से काम करेगी, इस पर भी रणनीति बनाई गई।
नई सरकार के फैसले पर विपक्ष का हमला
भाजपा सरकार द्वारा अस्थायी कर्मचारियों को हटाने के फैसले पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने इसे सरकार की मनमानी करार दिया। AAP नेता आतिशी ने कहा,
“दिल्ली की जनता ने जिन विकास कार्यों की वजह से हमें समर्थन दिया था, भाजपा सरकार उन्हें खत्म करने में लगी है। यह सरकार जनहित से ज्यादा अपने निजी हितों के लिए काम कर रही है।”
वहीं, कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा,
“सरकार को पहले नई नियुक्तियों की घोषणा करनी चाहिए थी। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एक झटके में हटा देना गलत है।”
दिल्ली में क्या बदलाव लाएगी रेखा गुप्ता सरकार?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार पारदर्शी प्रशासन और सुशासन पर विशेष ध्यान देगी। उन्होंने कहा,
“हमारी सरकार दिल्ली को एक आधुनिक, स्वच्छ और विकसित राजधानी बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिलेगी।”
दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात ने यह संकेत दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर दिल्ली के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम करेंगी। हालांकि, अस्थायी कर्मचारियों को हटाने के फैसले पर विवाद भी खड़ा हो गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा सरकार अपने वादों को कितनी जल्दी और प्रभावी रूप से पूरा कर पाती है।

