
Private coaching: देश में कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों और उनके अभिभावकों से करोड़ों रुपये वसूल कर फरार होने की घटनाओं पर कांग्रेस ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। पार्टी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि ऐसे संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आम जनता और मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके।
शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य कन्हैया कुमार ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि कई प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान छात्रों से लाखों रुपये वसूल कर अचानक अपने केंद्र बंद कर भाग रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने की अपील की।

सरकार की नाकामी से फल-फूल रहे कोचिंग सेंटर
कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों की गिरती गुणवत्ता ही निजी कोचिंग सेंटरों की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण है। सरकारी संस्थानों को मजबूत करने की बजाय उन्हें कमजोर किया जा रहा है, जिससे छात्रों को मजबूरन महंगे निजी कोचिंग सेंटरों की ओर रुख करना पड़ रहा है।

कन्हैया कुमार ने कहा कि देश में कोचिंग संस्थान शिक्षा को एक मुनाफे के धंधे में बदल चुके हैं, जहां सरकार और बाजार के बीच छात्र और उनके माता-पिता पिस रहे हैं। उन्होंने कहा, “सरकार की नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। जब सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई नहीं होगी और सरकारी अस्पतालों में अच्छा इलाज नहीं मिलेगा, तो स्वाभाविक रूप से निजी संस्थानों का कारोबार बढ़ेगा।”
दिल्ली सहित कई शहरों में छात्रों से ठगी
हाल के दिनों में दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों में नामी कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों से फीस लेने के बाद संस्थान बंद कर फरार होने की घटनाएं सामने आई हैं। इससे हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में चला गया है।
कन्हैया कुमार ने कहा कि युवा वर्ग को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर कोचिंग सेंटर उन्हें ठग रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान छात्रों और उनके परिवारों की मेहनत की कमाई लूट रहे हैं, जबकि सरकार इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।
युवाओं में बढ़ती हताशा, आत्महत्या के आंकड़े चिंताजनक
कन्हैया कुमार ने कहा कि शिक्षा और रोजगार के अभाव में देश के युवा निराशा के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में हर 24 घंटे में करीब 28 छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सरकार युवाओं के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए ग्रेडिंग प्रणाली लागू की गई थी, लेकिन आज इस विषय पर कोई चर्चा नहीं होती। उन्होंने सवाल उठाया, “आज सरकार बताने को तैयार नहीं है कि कितनी सीटें बढ़ाई गईं, कितनी परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से कराई जा रही हैं और कितने रोजगार के अवसर पैदा किए गए हैं?”
कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने की मांग
कांग्रेस ने मांग की है कि देश में निजी कोचिंग संस्थानों के लिए सख्त नियम बनाए जाएं ताकि वे आम परिवारों के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न कर सकें। पार्टी का कहना है कि देश में IAS, इंजीनियर और डॉक्टर बनाने के नाम पर कोचिंग संस्थान मुनाफाखोरी कर रहे हैं, जिसे रोकना बेहद जरूरी है।
कन्हैया कुमार ने कहा, “यदि सरकार कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानून बनाती है, तो यह शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाएगा।”
क्या हैं कांग्रेस की मुख्य मांगें?
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की है:
- कोचिंग संस्थानों के लिए नियम और कानून बनाए जाएं।
- सरकारी स्कूलों और कॉलेजों की शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाए।
- कोचिंग संस्थानों द्वारा फीस वसूली और शिक्षा की गुणवत्ता की जांच के लिए एक नियामक संस्था बनाई जाए।
- छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने वाले संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।
- सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में अधिक अवसर पैदा किए जाएं ताकि छात्रों को निजी कोचिंग पर निर्भर न रहना पड़े।
कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों से मोटी फीस वसूलने और फिर उन्हें धोखा देने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाए और कोचिंग संस्थानों को सख्त नियमों के तहत लाया जाए। अगर इस पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो देश के छात्रों और उनके परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्या सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर छात्रों को निजी संस्थानों की लूट के हवाले छोड़ दिया जाएगा? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब सरकार को जल्द देना होगा।

