
Aero India 2025: एरो इंडिया 2025 (Aero India 2025) एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभर रहा है, जहाँ भारत अपनी स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता और आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की रणनीति का प्रदर्शन कर रहा है। इस आयोजन में विशेष जोर आत्मनिर्भरता (Self-Reliance) और भारतीय सेना के एविएशन को एक अत्याधुनिक और स्वतंत्र बल के रूप में विकसित करने पर दिया जा रहा है। इस बार सेना की ताकत और उसकी नवीनतम क्षमताओं को दुनिया के सामने लाने का यह सुनहरा अवसर है।
‘नारी शक्ति’ को नई उड़ान
भारतीय सेना की एविएशन कोर (Army Aviation Corps) ने हमेशा से महिलाओं को प्रमुख सैन्य भूमिकाओं में शामिल करने के लिए प्रयास किए हैं। ‘नारी शक्ति’ के इस बढ़ते प्रभाव को बढ़ावा देना भारतीय सेना की लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे महिलाओं को ऐसे क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिला है, जिसे पहले केवल पुरुषों के लिए आरक्षित माना जाता था।

महिला पायलटों की युद्धक हेलीकॉप्टर उड़ान में भागीदारी
भारतीय सेना ने 2022 में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब महिला अधिकारियों को युद्धक हेलीकॉप्टरों के पायलट के रूप में शामिल किया गया। इस निर्णय ने पुराने मानकों को तोड़ते हुए महिलाओं को लड़ाकू अभियानों में सीधे शामिल होने का अवसर दिया।

इस क्रम में मेजर अभिलाषा बराक का नाम इतिहास में दर्ज हो चुका है। उन्होंने अपनी कठिन ट्रेनिंग के दौरान सिल्वर चीता ट्रॉफी प्राप्त की और अपने फ्लाइंग कोर्स में प्रथम स्थान हासिल किया। यह उनकी कड़ी मेहनत और कौशल का प्रमाण है, जिसने सेना में महिलाओं की भूमिका को और भी सशक्त किया।
महिला अधिकारी इन महत्वपूर्ण भूमिकाओं में भी सक्रिय
भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की भागीदारी सिर्फ हेलीकॉप्टर उड़ाने तक सीमित नहीं है। वे रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) में ऑब्जर्वर पायलट के रूप में भी कार्यरत हैं। इसके अलावा, वर्तमान में:
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) में 13 महिला अधिकारी तैनात हैं।
- RPAS ऑपरेशंस में 8 महिला अधिकारी कार्यरत हैं।
- हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में 9 महिला अधिकारी भारतीय सेना की एविएशन स्क्वाड्रनों में सेवाएँ दे रही हैं।
महिला अधिकारी फील्ड ऑपरेशनों में भी निभा रही हैं महत्वपूर्ण भूमिका
अब महिलाओं की भागीदारी सिर्फ पायलट के रूप में ही नहीं बल्कि सक्रिय फील्ड ऑपरेशनों में भी देखी जा रही है। ये ऑपरेशन तेजी से निर्णय लेने की क्षमता, संचार कौशल और साइकोमोटर दक्षताओं की मांग करते हैं। इन अभियानों में महिलाओं ने अपनी श्रेष्ठता साबित की है और पुरुष अधिकारियों के समान ही बेहतरीन प्रदर्शन किया है। यह भारत की सेना की युद्ध क्षमता को और अधिक मजबूत बना रहा है।
‘मेक इन इंडिया’ के तहत आत्मनिर्भर भारत की झलक
एरो इंडिया 2025 के आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य भारत के स्वदेशी रक्षा उपकरणों और सैन्य उत्पादन क्षमता का प्रदर्शन करना है। इसमें भारतीय वायुसेना, नौसेना और थलसेना के अत्याधुनिक प्लेटफार्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिससे यह संदेश दिया जा रहा है कि भारत अब रक्षा उपकरणों और प्रणालियों के मामले में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
इस इवेंट में भारतीय सेना द्वारा विकसित किए गए कई स्वदेशी हेलीकॉप्टर और ड्रोन्स भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। यह न केवल भारतीय सेना की बढ़ती ताकत को दर्शाता है बल्कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देता है।
सेना की नई रणनीति: एविएशन कोर को और अधिक स्वतंत्र और अत्याधुनिक बनाना
भारतीय सेना एविएशन कोर को पूरी तरह से स्वतंत्र और अत्याधुनिक बल के रूप में विकसित करने पर जोर दे रही है। इसके तहत:
- अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों और मानव रहित विमानों का विकास किया जा रहा है।
- युद्धक अभियानों के लिए नई एविएशन रणनीतियाँ बनाई जा रही हैं।
- स्वदेशी उत्पादन को प्राथमिकता देते हुए, विदेशी तकनीक पर निर्भरता को कम किया जा रहा है।
इसका उद्देश्य भारतीय सेना को आधुनिक युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार करना और उसे एक स्वतंत्र एविएशन फोर्स के रूप में स्थापित करना है।
भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो रही है भारतीय सेना
भारतीय सेना ने पिछले कुछ वर्षों में अपने रक्षा तंत्र को नवीनतम तकनीकों और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों के साथ उन्नत किया है। एरो इंडिया 2025 में भारत की नई सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत अब किसी भी संभावित सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इसके अलावा, भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की बढ़ती भागीदारी भी दर्शाती है कि भारत न केवल तकनीकी रूप से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी आगे बढ़ रहा है। महिलाओं को सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ देकर भारतीय सेना समानता और शक्ति का नया उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।
एरो इंडिया 2025 केवल एक रक्षा प्रदर्शनी नहीं बल्कि भारत की सैन्य शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह कार्यक्रम भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए नई तकनीकों को अपनाने और आधुनिक युद्ध रणनीतियों को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है।
इसके अलावा, ‘नारी शक्ति’ का बढ़ता प्रभाव भारतीय सेना की नई सोच को दर्शाता है, जहाँ महिलाएँ अब न केवल पायलट बन रही हैं बल्कि सक्रिय सैन्य अभियानों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
भारत की यह नई उड़ान यह दर्शाती है कि अब हम न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं बल्कि विश्व स्तर पर भी अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूती से स्थापित कर रहे हैं। एरो इंडिया 2025 से पूरी दुनिया को यह संदेश जाएगा कि भारत अब रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

